सोमवार के दिन यानि आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने सड़को पर अवैध फेरीवालों की भीड़ जमा होने पर पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अनदेखी से सख्ती जताते हुए कहा कि या तो वे अदालत के आदेशों का अनुपालन करें, नहीं तो लोगों को कानून हाथ में लेने दे. बता दें कि हाईकोर्ट के सामने की सड़कों पर अवैध फेरीवाले की भीड़ जमा होने से उत्पन्न हो रही समस्या पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान (Suo Motu) लिया है.
जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस कमल खता की खंडपीठ हाईकोर्ट के मुख्य सड़को पर अवैध फेरीवालों से जमा हो रही भीड़ की समस्या को सुन रही है. अदालत ने सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि उचित निर्देशों के बावजूद पुलिस फेरीवालों को सड़को से हटाने में असफल रही है. सुनवाई के दौरान राज्य के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट के सामने की आनेवाली सड़को से अवैध फेरीवालों को हटा दिया गया है. ये वो फेरीवाले हैं, जिन्हें लाइसेंस प्राप्त है.
इस अदालत ने कहा किबृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने सही तरीके से इन फेरीवालों को हटा दिया था, लेकिन पुलिसवालों ने इन्हें वापस आने से नहीं रोका. क्या पुलिस वाले असहाय हैं? जहां फेरीवाली खड़े हैं, वहां से कुछ दूर पर पुलिस की एक छोटी चौकी भी है, वे क्या कर रहे हैं? लोकतंत्र में कोई ये नहीं कह सकता कि वे नियमों का पालन नहीं करने जा रहे हैं.
अदालत ने हिदायत देते हुए कहा कि आप कानून लागू करेंगी या लोगों को कानून हाथ में लेने दें. एक राज्य के तौर पर आपको कानून लागू करना चाहिए. साथ ही अगर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आपको पुलिसकर्मा कम पड़ रहे हैं तो आप अन्य जगहों से कर्मचारियों को बुला सकते हैं.
इसी दौरान फेरी वालों के संघों ने भी याचिकाएं दायर कर अदालत के फैसले का विरोध किया, जिस पर सुनवाई करने से अदालत ने इंकार करते हुए कहा कि अगर अभी इन हिस्से से निपट रहे हैं, लेकिन अगर आप उत्तरी मुंबई के हिस्सों में जाएं, तो वहां केवल फेरीवाले-फेरीवाले ही दिखाई देंगे.