नई दिल्ली: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के पास एक याचिका दायर की जिसमें उसकी शिकायत के आधार पर अदालत ने आदेश दिया है कि महाराष्ट्र की तलोजा सेंट्रल प्रिजन (Taloja Central Prison) के निरीक्षण का निर्देश दिया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तलोजा जेल के कैदी अभय कुरुंदकर ने बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिसमें उसने दावा किया है कि जेल के कैदियों को पूरे दिन के लिए सिर्फ डेढ़ बाल्टी पानी मिलता है।
याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया कि वो 'शहर और औद्योगिक विकास निगम' (City and Industrial Development Corporation- CIDCO) को यह आदेश दें कि तलोजा जेल में पर्याप्त पानी प्रदान किया जाए जिसे सभी कैदी आराम से इस्तेमाल कर सकें।
अभय कुरुंदकर की याचिका के आधार पर बंबई उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और न्यायाधीश गौरी गोडसे ने रायगढ़ डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (DLSA) के सचिव को आदेश दिया है कि वो 17 जून, 2023 को तलोजा सेंट्रल प्रिजन जाएं, वहां के कैदियों से बातचीत करें और यह चेक करें कि जेल में कितना पानी आ रहा है और उसकी क्वॉलिटी कैसी है।
आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि रायगढ़ डीएलएसए के सचिव तलोजा जेल जाएं और चेक करें कि कितना पानी कैदियों को दिया जा रहा है, कुओं की कन्डिशन कैसी है, जहां से पानी आ रहा है उन टंकियों की सफाई होती है या नहीं और तलोजा जेल में वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) की सुविधा उपलब्ध है या नहीं।
प्राधिकरण का यह दावा है कि हर दिन कैदियों को दस बाल्टी पानी दिया जा रहा है और जेल परिसर में दो कुएं हैं जो काम कर रहे हैं। इस बयान को याचिकाकर्ता के वकील ने झूठा बताया. इसके बाद अदालत ने जेल के निरीक्षण का आदेश दिया है।
इस मामले में अगली सुनवाई 22 जून, 2023 को होगी।