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गड्ढों से भरी सड़कों पर Bombay हाईकोर्ट नाराज, BMC आयुक्त और पांच अन्य नगर निगमों के प्रमुखों को किया तलब

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने संज्ञान लिया कि उच्च न्यायालय ने 2018 में सभी स्थानीय निकायों को निर्देश दिया था कि वे सड़कों और फुटपाथ को गड्ढों से मुक्त रखना कड़ाई से सुनिश्चित करें।

Bombay High Court

Written by My Lord Team |Published : August 10, 2023 11:26 AM IST

मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने सड़कों और फुटपाथ को गड्ढों से मुक्त रखने के उसके निर्देशों का पालन नहीं किए जाने को लेकर नगर निकायों के प्रमुखों और नगर निकाय के पांच अन्य अधिकारियों को शुक्रवार को अदालत में पेश होने का सम्मन कल जारी किया। अदालत ने कहा कि जब तक वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता, कोई कार्रवाई नहीं होगी।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आयुक्त के अलावा ठाणे महानगरपालिका, वसई विरार महानगरपालिका, कल्याण डोम्बीवली महानगरपालिका, नवी मुंबई महानगरपालिका और मीरा भायंदर महानगरपालिका के प्रमुखों को भी अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया है।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने संज्ञान लिया कि उच्च न्यायालय ने 2018 में सभी स्थानीय निकायों को निर्देश दिया था कि वे सड़कों और फुटपाथ को गड्ढों से मुक्त रखना कड़ाई से सुनिश्चित करें। अदालत ने कहा कि पांच साल हो चुके हैं और ऐसा लगता है कि आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समुचित कदम नहीं उठाए गए हैं।

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पीठ ने कहा, ‘‘बीएमसी के आयुक्त और अन्य महानगरपालिकाओं के आयुक्त हमारे समक्ष उपस्थित होकर स्पष्ट करें कि उन्हें अदालत के आदेश की अवज्ञा करने और अनुपालन नहीं करने के लिए जिम्मेदार क्यों ना ठहराया जाए।’’ अदालत अधिवक्ता रूजू ठक्कर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिका में अनुरोध किया गया था कि मुंबई और आसपास की सभी सड़कों की मरम्मत करने और उन्हें गड्ढा मुक्त बनाने के उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने पर स्थानीय निकायों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।