नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास ‘एंटीलिया’ (Antilia) के पास विस्फोटक मिलने और व्यवसायी मनसुख हिरन (Mansukh Hiren) की हत्या के मामले में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को सोमवार को एक निर्देश दिया है कि वह अंतरिम जमानत के लिए नई याचिका दायर करें।
भाषा की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा (Justice Prashant Kumar Mishra) की अवकाशकालीन पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (Additional Solicitor General) एस वी राजू (SV Raju) की इस दलील पर गौर किया कि शर्मा ‘इंटरलॉक्युटरी याचिका’ (Interlocutory Application) दायर किए बिना अंतरिम जमानत का अनुरोध कर रहे हैं।
आइए समझते हैं कि ‘इंटरलॉक्युटरी याचिका’ क्या होती है. कोर्ट की कार्रवाई शुरू होने के बाद, अंतिम निर्णय से पहले न्यायसंगत या कानूनी राहत के लिए दिए गए किसी भी आवेदन को ‘इंटरलॉक्युटरी याचिका’ कहते हैं।
सुनवाई शुरू होते ही प्रदीप शर्मा के वकील ने मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया और कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी को सर्जरी के बाद गंभीर जटिलताएं हो गई हैं।
उन्होंने दावा किया कि शर्मा की पत्नी की हालत हर बीतते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है और वह उनकी देखभाल के लिए अंतरिम जमानत मांग रहे हैं। भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, इस दलील का एएसजी (ASG) ने कड़ा विरोध किया और कहा कि शर्मा की पत्नी अक्सर अस्पताल में उनसे मिलती रही हैं। मामले की सुनवाई अब पांच जून को होगी।
शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश को चुनौती देने वाली प्रदीप शर्मा की याचिका पर 18 मई को नोटिस जारी किया था जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
भाषा के मुताबिक, जिस तरह से राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency) ने मामले की जांच की, उस पर उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई और कहा कि एनआईए (NIA) की जांच में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर खड़ी एक एसयूवी में जिलेटिन की छड़ें रखने के मामले में बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे (Sachin Vaze) के साथ शामिल सह-साजिशकर्ताओं पर कुछ नहीं कहा गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण मुंबई में ‘एंटीलिया’ के पास 25 फरवरी, 2021 को एक एसयूवी मिली थी, जिसमें विस्फोटक रखा हुआ था। यह एसयूवी व्यवसायी हिरन के पास थी जो पिछले साल पांच मार्च को पड़ोसी ठाणे में मृत पाए गए थे।
कई मुठभेड़ों में 300 से अधिक अपराधियों को मार गिराने वाले पुलिस अधिकारियों दया नायक, विजय सालस्कर और रवींद्रनाथ आंग्रे के साथ मुंबई पुलिस के मुठभेड़ दस्ते के सदस्य रहे शर्मा के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने मनसुख हिरन की हत्या में अपने पूर्व सहयोगी वाजे की मदद की थी।