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Bhopal Gas Tragedy से जुड़े नौ अफसरों के खिलाफ होगा मामला दर्ज; Jabalpur HC ने लापरवाही के चलते दिया ये फैसला

Madhya Pradesh High Court

भोपाल गैस त्रासदी के मामले में नौ अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी और जबलपुर उच्च न्यायालय ने उन अफसरों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने की वजह से अवमानना का मामला दर्ज किया है।

Written by Ananya Srivastava |Published : January 16, 2024 4:22 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए गैस हादसे में जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) ने कड़ी कारवाई की है. अदालत ने यह फैसला भोपाल गैस हादसों (Bhopal Gas Incident) के प्रभावितों को उचित स्वास्थ्य उपचार नहीं मिलने पर, और इस दौरान अफसरों के रवैयों को ध्यान में रखते हुए दिया. हाई कोर्ट ने नौ (9) अफसरों के खिलाफ अवमानना के तहत मामला दर्ज करने का निर्णय लिया है.

नौ अफसरों पर होगी कारवाई

जबलपुर हाईकोर्ट के इस फैसले की जानकारी भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन की रचना ढ़ीगरा ने दिया है. रचना ने मामले की जानकारी देते हुए कहा, " मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट के जस्टिस शील नागू और देवनारायण मिश्र की खंडपीठ ने भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के नौ उच्च अधिकारियों पर भोपाल गैस पीड़ितों को सही ईलाज एवं शोध व्यवस्था में सहयोग न कर पाने और सुप्रीम कोर्ट के भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य मामले को नौ अगस्त 2012 के आदेश की लगातार अवमानना का प्रकरण दर्ज कराने के आदेश दिए है."

पीड़ितों को नहीं मिला स्वास्थ्य लाभ

भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की रशीदा बी, और भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की नसरीन बी और भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की रचना ढिंगरा ने कोर्ट के फैसले का दिल से स्वागत किया. उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, अदालत का यह फैसला उन अफसरों के लिए मिशाल होगा, जिनकी वजह से गैस हादसे के पीड़ितो को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल सका.

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अफसरों ने PIL की नहीं ली सुध: हाई कोर्ट

रचना ढ़ीगरा ने आगे बताया कि खंडपीठ द्वारा नौ अधिकारियों पर चार्ज लगाते हुए लिखा है, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति के जुलाई 2023 की रिर्पोट में यह स्पष्ट है कि साढ़े दस साल (10.5 साल) से अधिक बीत जाने के बावजूद आप सभी प्रतिवादियों ने सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ इस कोर्ट के निर्देशों को पालन करने में किसी प्रकार की तत्परता नहीं दिखाई. पीड़ितों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया. आपके रवैये ने पीआईएल (PIL) को एक मजाक बना कर रख दिया है. ऐसा करने के पीछे कोर्ट को आपकी गैस पीड़ितों के प्रति असेवदनशीलता के अलावा कोई अन्य कारण नहीं दिखाई देता है.

अफसरों के खिलाफ होगा मामला दर्ज

गैस पीड़ितो के लिए लड़ाई लड़ने वाले संगठनों के अनुसार, जबलपुर हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि वे कोर्ट की अवमानना करने वालों के खिलाफ कठोर कारवाई करने को बाध्य है. हाई कोर्ट के अनुसार, अफसरों ने न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 2 बी के तहत परिभाषित उपरोक्त आदेशों की नागरिक अवमानना की है, जो न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 12 (10) के तहत दंडनीय है और इस अदालत के संज्ञान में है। आप पर मुकदमा चलाया जाए।