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बंगाल पंचायत चुनाव अगली सुनवाई 26 जून को, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर फैसला सुरक्षित रखा

आदेश सुरक्षित रखने के बाद खंडपीठ ने 26 जून को अगली तारीख तय की. अंतिम आदेश सुनाए जाने तक खंडपीठ ने सीबीआई को कोई भी कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया.

West Bengal Panchayat Election

Written by My Lord Team |Published : June 24, 2023 2:36 PM IST

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्ब सिन्हा रॉय की खंडपीठ ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. जिसमें एकल न्यायाधीश पीठ के पहले के फैसले को चुनौती दी गई थी. समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार एकल न्यायाधीश पीठ ने एक ब्लॉक विकास अधिकारी पर नामांकन में हेरफेर के मामले को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

दरअसल, अधिकारी पर पंचायत चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों के नामांकन दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है.

इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई. आदेश सुरक्षित रखने के बाद खंडपीठ ने 26 जून को अगली तारीख तय की. अंतिम आदेश सुनाए जाने तक खंडपीठ ने सीबीआई को कोई भी कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया.

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हाल ही में न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल न्यायाधीश पीठ ने एक ब्लॉक विकास अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हावड़ा जिले के उलुबेरिया के दो उम्मीदवारों, कश्मीरा बीबी और ओमजा बीबी, ने स्थानीय ब्लॉक विकास अधिकारी पर उनके नामांकन में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था.

दोनों उम्मीदवारों ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि नामांकन दस्तावेजों में कथित छेड़छाड़ के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.

न्यायमूर्ति सिन्हा ने सीबीआई को जांच पूरी करने और 7 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे सुनवाई के दौरान अदालत ने ये भी कहा था कि मामले में आरोपी राज्य सरकार का अधिकारी था, इसलिए यह जरूरी था कि मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी करे. इसी फैसले को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पर्यवेक्षक नियुक्त करने का प्रस्ताव खारिज

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त करने के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रस्ताव को कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है. एनएचआरसी ने नामांकन चरण के दौरान हिंसा की घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया था और आयोग के महानिदेशक (जांच) दामोदर सारंगियास को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया था.

पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने इस कदम का विरोध किया और एक याचिका के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. शुक्रवार को मामले में सुनवाई पूरी हुई और न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने फैसला सुनाया कि एनएचआरसी एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक की नियुक्ति नहीं कर सकता.

बता दें कि 11 जून को, एनएचआरसी ने सारंगी को स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी, और उसी दिन डब्ल्यूबीएसईसी और राज्य सचिवालय को एक पत्र भेज दिया गया था। एनएचआरसी ने नामांकन चरण के दौरान हिंसा की रिपोटरें पर स्वत: संज्ञान लिया. 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों की मतगणना 11 जुलाई को होगी.