ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर विवादित टिप्पणी के चलते गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Ali Khan Mahmudabad) की याचिका पर चीफ जस्टिस ने जल्द सुनवाई का भरोसा दिया है. सुप्रीम कोर्ट कोर्ट कल या परसो सुनवाई कर सकता है. गिरफ्तार अली खान की ओर से कपिल सिब्बल ने CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा और जल्द सुनवाई की मांग की थी. बता दें कि हरियाणा के सोनीपत के राई स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को दिल्ली से 18 मई गिरफ्तार किया गया है. उन पर 'ऑपरेशन सिंदूर' और सेना की महिला अधिकारियों को लेकर की गई विवादित टिप्पणियों के मामलों में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं. डीसीपी क्राइम नरेंद्र कादियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गिरफ्तारी की पुष्टि की है. प्रोफेसर ने इसी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
प्रोफेसर के खिलाफ पहला मामला गांव जटेड़ी के सरपंच द्वारा दर्ज कराया गया था. इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 152 और 299 के तहत मामला दर्ज किया गया. दूसरा मामला हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर दर्ज हुआ, जिसमें सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने और आयोग के नोटिस की अवहेलना का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने बीएनएस की धारा 353, 79, 152 और 169(1) के तहत केस दर्ज किया है. डीसीपी कादियान ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और प्रोफेसर अली से पूछताछ कर अन्य तथ्य जुटाए जा रहे हैं.
यह मामला न केवल सोशल मीडिया पर हो रही गतिविधियों पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि सार्वजनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले व्यक्तियों की भूमिका पर भी गंभीर चर्चा को जन्म दिया है. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कुछ अराजक तत्वों ने विवादित टिप्पणियां की हैं, जिन पर उचित कार्रवाई की जा रही है. कई लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अनाप-शनाप बातें लिखी हैं, जिन्हें हटा दिया गया और उनके खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज कर लिए गए हैं. कुछ नेताओं ने भी महिला सैन्य अधिकारियों को लेकर विवादित टिप्पणी की है, जिसे लेकर देश में एक नई बहस छिड़ गई है. लोग ऐसे नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.