Arrest On Allegations: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अधिकारियों को रूटीन तौर पर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से बचने के निर्देश दिए है. यहां रूटीन तौर पर का आशय है कि अक्सर पुलिस शिकायत मिलते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है. इसलिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को ऐसी कार्रवाई में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. केवल आरोप लगाने मात्र से ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से बचने के निर्देश दिए हैं. बेंच ने हिदायत देते हुए कहा कि गिरफ्तारी करने से किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को भारी नुकसान पहुंचती है. बताते चलें कि मामला महेश गाला से जुड़ा है. गाला को टैक्स ऑफिसर ने औपचारिक तौर पर गिरफ्तार करने से पहले रात भर डिटेन करके रखा था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता (महेश गाला) को अंतरिम जमानत दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में, जस्टिस रेवती मोहिते डेरे एवं जस्टिस मंजूषा देशपांडे ने मामले की सुनवाई की.
बेंच ने कहा,
"गिरफ्तारी एक गंभीर मामला है और केवल अपराध करने के आरोप पर ही गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, क्योंकि गिरफ्तारी से किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को भारी नुकसान हो सकता है."
बेंच ने रात भर डिटेन करके रखने पर आपत्ति जताया है. अदालत ने यह भी कहा कि यदि जीएसटी अधिकारियों के पास सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स मौजूद नहीं थे, तो वे गाला को रात भर सीजीएसटी कार्यालय में रखने के बजाय किसी अन्य दिन पूछताछ के लिए बुला सकते थे.
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गाला को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. साथ ही अगली सुनवाई को 24 जून के लिए सूचीबद्ध किया है.
महेश गाला, कंपनी ओम साई नित्यम मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं. साल 2021 में कंपनी के खिलाफ सीजीएसटी के उल्लंघन का आरोप लगा. जीएसटी अधिकारियों ने गाला को 13 मार्च के दिन पूछताछ के लिए. रात भर उसे हिरासत में रखा और अगले दिन उसे ऑफिसियल तौर पर गिरफ्तार कर लिया. अब महेश गाला ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. सुनवाई के बाद अदालत ने उसे अंतरिम जमानत दे दी है.