Sambhal Jama Masjid: आज इलाहाबाद हाई कोर्ट संभल मस्जिद में रंगरोगन कराने की मांग को लेकर मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. मस्जिद कमेटी ने रमजान को लेकर रंगाई-पुताई की मांग करने को लेकर इजाजत की मांग की थी, आर्टिकोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने दावा किया कमेटी के लोग हमें मस्जिद में घुसने नहीं दे रहे हैं, तो वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने मांग का विरोध करते हुए कहा कि कमेटी के लोग रंगरोगन के बहाने इमारत को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. हाई कोर्ट ने इन सभी दलीलों पर विचार करते हुए ASI को रंगरोगन कराने के पहलु की जांच कर बताने को कहा है.
मस्जिद कमेटी के वकील की ओर से दलील दी गई कि कमेटी और ASI के बीच एग्रीमेंट हुआ था, जिसके मुताबिक मस्जिद के रंगरोगन, रख रखाव का जिम्मा मस्जिद कमेटी का था. ASI के वकील ने दलील दी कि मस्जिद कमेटी के लोग हमारी मस्जिद में एंट्री को रोक रहे है. इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर आप ASI की टीम को मस्जिद के अंदर ही नहीं घुसने देगे तो कैसे चलेगा. पुताई का काम तो ASI को ही करवाना है!
हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी के वकील से कहा कि ये ASI संरक्षित स्मारक है. सिर्फ ASI के ज़रिए ही मस्जिद के अंदर कोई काम हो सकता है.
मस्जिद कमेटी: हमने ASI को अपनी अर्जी दी लेकिन ASI ने अभी तक रंगरोगन की इजाज़त के बारे में कोई फैसला नहीं लिया. इसलिए हमें कोर्ट आना पड़ा.
कोर्ट: आपको अगर रंगरोगन करवाना है तो आप ASI को मस्जिद में अंदर आने दीजिए.
मस्जिद कमेटी: हमने उन्हें एंट्री से नहीं रोका है. रंगरोगन के साथ लाइट, झालर भी मस्जिद में लगवानी है.
HC (ASI से): आप अपना एक अधिकारी वहां नियुक्त कर दीजिए, जिसकी निगरानी में ये सब काम मस्जिद में हो.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमे मस्जिद कमेटी की मांग पर सख्त एतराज है. विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि इमारत के अंदर रंगरोगन की आड़ में वो वहां मौजूद हिन्दू कलाकृतियों को बिगाड़ना चाहते है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि हम रंगरोगन की इजाज़त सिर्फ इस सूरत में देंगे कि इस पूरे कार्य की वीडियोग्राफी हो और ASI के अधिकारी और कलेक्टर की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी. इस दौरान इमारत को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
यूपी सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने कहा कि कोर्ट को ये भी देखना चाहिए कि रंगरोगन की वाकई ज़रूरत है भी या नहीं.
कोर्ट ने ASI से कहा है कि वो मस्जिद का मुआयना करके बताए कि रंगरोगन की ज़रूरत है या नहीं. रमजान शुरू होने वाला है, ASI को इतना वक़्त नहीं दिया जा सकता. इस मुआयने को जल्दी कीजिए. इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने कल ASI को डिटेल्स पक्ष रखने को कहा है, ASI से मौके का निरीक्षण करके यह भी बताने को कहा है कि रंगरोगन की जरूरत है या नहीं, हाईकोर्ट ने ASI को कल इन सवालों के जबाव अदालत के सामने रखने को कहा है.
कल इलाहाबाद हाई कोर्ट फिर से इस मामले की सुनवाई करेगा.
(खबर जी मीडिया एजेंसी के इनपुट से है)