नई दिल्ली: अतीक अहमद (Atique Ahmed) के शूटआउट को ज्यादा समय नहीं हुआ है कि एक और शूटआउट की घटना सामने आई है। लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगस्टर संजीवा माहेश्वरी जीवा (Sanjeeva Maheshwari Jeeva) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डॉन और यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के सहयोगी संजीवा जीवा (Sanjiva Jeeva), जिन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी (Brahm Dutt Dwivedi) के मर्डर के लिए आरोपी ठहराया गया था, की लखनऊ सिवल कोर्ट (Lucknow Civil Court) के परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
बता दें कि ब्रह्म दत्त द्विवेदी के मर्डर केस के आरोपी और 48-वर्षीय संजीवा रेड्डी को सुनवाई के लिए SC-ST Court लेकर जाया जा रह था तभी वकील की यूनिफॉर्म पहने एक आदमी ने उस पर बुधवार को करीब 3:50 पर गोली चला दी।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों का यह दावा है कि गोली मारने वाले शख्स ने पांच-छह बार संजीवा जीवा पर गोली चलाई जिसके बाद गैंगस्टर को पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आक्रमण करने वाले को कोर्टरूम में मौजूद वकीलों ने घेरकर पकड़ लिया, उसकी पिटाई की और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। गोली चलाने वाले का नाम विजय है और वो जौनपुर से है। विजय का यह कहना है कि उसे एक अनजान व्यक्ति ने कहा था कि अगर वो संजीवा जीवा की गोली मारकर हत्या कर देगा, तो उसे वो शख्स 20 लाख रुपये देगा।
बता दें कि मुजफ्फरनगर का रहने वाला, संजीवा जीवा के खिलाफ 24 क्रिमिनल मुकदमे रजिस्टर किये गए थे जिनमें पांच मामले मर्डर के थे। 2003 में संजीवा जीवा को ब्रह्म दत्त द्विवेदी के मर्डर के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद से वो लखनऊ जेल में था।
इस शूटआउट के बाद कई वकीलों द्वारा एक प्रोटेस्ट हुआ जिसके चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया है जो सिक्योरिटी में हुई ऊंच-नीच पर जांच करेंगे।
इस समिति में एडीजी (तकनीकी सेवाएं) मोहित अगरवाल, आईजी (अयोध्या रेंज) प्रवीण कुमार और लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) निलब्ज चौधरी शामिल हैं। इन्हें यह आदेश दिया गया है कि वो अपनी जांच की रिपोर्ट सात दिनों के अंदर सबमिट करेंगे।
आईएएनएस (IANS) के अनुसार, गैंगस्टर संजीवा जीवा की हत्या के आरोपी विजय यादव के खिलाफ पूर्व में आजमगढ़ जिले के देवगांव थाने में शादी के लिए नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म समेत दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ करीब नौ साल पहले 2016 में दर्ज प्राथमिकी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत आरोप लगाया गया है।
दूसरा मामला उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186 के तहत एक लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने और धारा 269 के तहत गैरकानूनी कार्य के लिए जौनपुर जिले के केराकत पुलिस स्टेशन में 2020 में दर्ज किया गया था।
जौनपुर के केराकत थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर सरकी गांव निवासी विजय यादव (24) ने चार साल पहले बीकॉम किया है। वह तीन महीने से लखनऊ में रह रहा था और प्लंबर के रूप में काम करता था।