नई दिल्ली: Indian Dispute Resolution Centre (IDRC) की ओर से दूसरा आर्बिट्रेट इंडिया कॉन्क्लेव 2023 शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित होगा. IDRC की तीसरी वर्ष पर इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीगल रिसर्च गोवा के सहयोग से आयोजित होने वाले इस दूसरे आर्बिट्रेट इंडिया कॉन्क्लेव 2023 का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस एम आर शाह करेंगे और वे ही के कॉन्क्लेव के मुख्य वक्ता के रूप में भी शामिल होंगे.
नई दिल्ली के डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर जनपथ के भीम हॉल में शनिवार शाम 4 बजे से आयोजित होने वाले इस कॉन्क्लेव में विधि जगत की कई हस्तियां भी शिरकत करेगी.
कॉन्क्लेव में अलग अलग विषयों पर होनी वाली चर्चा के पैनल में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस दु मल्होत्रा, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, Shardul Amarchand Mangaldas के हैड आर्बिट्रेटर तेजस करिया और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रतन के सिंह शामिल होंगे.
Arbitrate Conclave में मुख्य रूप से 'भारत में मध्यस्थता' - मेकिंग रिज़ॉल्विंग इन इंडिया ए रियलिटी' विषय पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही भारत सरकार के 'रिज़ॉल्व इन इंडिया' के आह्वान को मज़बूत करने के साथ ही भारत को अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता केंद्र के स्थापित करने के प्रयासो पर आधारित बनाया भारत को अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता का केंद्र बनाना: मध्यस्थता में वर्तमान रुझान और चुनौतियां और भारत में विदेशी कानून फर्मों को अनुमति देने का प्रभाव"विषय पर भी प्रतिष्ठित पैनलिस्ट द्वारा चर्चा की जाएगी.
IDRC केन्द्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय और NITI Aayog के साथ पंजीकृत संस्थान है. यह संस्थान केंद्र और राज्य सरकारों के सार्वजनिक उपक्रमों के लिए मध्यस्थता और अन्य ADR सेवाएँ प्रदान करने के लिए कानून और न्याय मंत्रालय के साथ सूचीबद्ध है.
यह संस्थान मध्यस्थता और सुलह के साथ-साथ अपने क्लाउड-आधारित इन-हाउस ईएडीआर डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके और इसके माध्यम से विवादों के ऑनलाइन और ऑफलाइन समाधान के लिए एक अत्याधुनिक संस्थागत वातावरण प्रदान करता है.
देश में IDRC के केन्द्र नई दिल्ली, मुंबई, लंदन और दक्षिण एशिया के कई शहरों में स्थित है.
बहुत कम समय में IDRC ने देश में 700 से अधिक विवादों के मामले मध्यस्थता की कार्यवाही में सहायता करने में कामयाब रहा है. कोविड के दोरान भी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की सहायता से कई राष्ट्रीय और अर्तराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्था के रूप में सफल मध्यस्थ किए है.