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दो दिन के भीतर दक्षिण कोरियाई नागरिक को 'वकील' के रूप में मान्यता दें... Delhi HC ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को आदेश दिया

दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि जंग एक 'विदेशी वकील' नहीं, बल्कि नागरिक है और उसके पास कानून की मान्यता प्राप्त डिग्री है, जिससे उसे नामांकन का अधिकार है.

दिल्ली हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : March 21, 2025 1:03 PM IST

हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को दक्षिण कोरियाई नागरिक डाएयंग जंग को दो दिनों के भीतर अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश दिया. दक्षिण कोरियाई नागरिक के रजिस्ट्रेशन के आदेश के खिलाफ बीसीआई की अपील पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आगे कहा कि उसके पंजीकरण को रोकना उचित नहीं होगा क्योंकि एकल न्यायाधीश के आदेश पर कोई स्थगन नहीं लगाया गया था. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल जज बेंच ने बीसीआई को जंग के आवेदन को नियमों के अनुसार पूरा करने कानिर्देश दिया था. सिंगल-जज बेंच के आदेश के बाद, जंग का एनरोलमेंट जारी किया गया और जंग ने ऑल इंडिया बार परीक्षा (AIBE) में शामिल हुए. जंग के वकील ने अदालत को बताया कि पहले, दक्षिण कोरियाई नागरिक के पास एआईबीई परीक्षा पास करने का प्रमाण था, हालांकि बाद में, पोर्टल पर उसका रिजल्ट रोक दिया.

विदेशी वकील नहीं, नागरिक है जंग

जंग को राहत देते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल-जज बेंच ने कहा कि जब तक उन नागरिकों के अधिकारों को संरक्षित किया जाता है, जो आवश्यक योग्यताएं रखते हैं, तब तक वे विदेशी राष्ट्रों में कानून का अभ्यास करने के लिए नामांकित होने के लिए स्पष्ट रूप से योग्य होंगे. अदालत ने यह भी कहा कि बीसीआई ने इस बातको नजरअंदाज कर दिया था कि जंग 'विदेशी वकील' नहीं हैं, जो भारत में अपनी कानूनी प्रथा स्थापित करने का अधिकार मांग रहे हैं. वास्तव में, याचिकाकर्ता एक विदेशी नागरिक हैं, जिन्होंने कानून में एक डिग्री प्राप्त की है जो अधिनियम के तहत उचित रूप से मान्यता प्राप्त है और इस प्रकार उन्हें नामांकन के लिए आवेदन करने का अधिकार है. अदालत ने कहा कि किसी भी स्थिति में, यदि यह माना जाए कि खतरा और आशंका वास्तविक है, तो भी यह याचिकाकर्ता के नामांकन के लिए अपने दावे करने के अधिकार को कम नहीं करेगा.

यह अपील अब 28 मार्च को सुनी जाएगी.

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