Delhi's Narela Demoliton Drive: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2014 में नरेला क्षेत्र में एक ध्वस्तीकरण अभियान (Demolition Drive) के दौरान दंगा भड़काने और सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने के लिए पूर्व बीजेपी विधायक नील दमन खत्री और जगिंदर दहिया को दोषी ठहराया है. इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से 4 को अदालत ने बरी किया है.
विशेष जज विशाल गोगने (Special Judge Vishal Gogne) ने छह आरोपियों में से दो आरोपियों, नील दमन खत्री और जोगिन्दर दहिया को दोषी ठहराया है. वहीं, आरोपी राज कुमार, सुरेंद्र, प्रवीण और भीम सेन को आरोपों से बरी कर दिया. पूर्व बीजेपी विधायक नील दमन खत्री और जोगिंदर दहिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 147 और 353 के तहत दोषी ठहराया गया है, जो दंगा, अवैध सभा और सार्वजनिक सेवकों पर हमले के अपराध से संबंधित हैं.
यह मामला 14 नवंबर 2014 की घटना से जुड़ा है, जब तहसीलदार और उनकी टीम एक जेसीबी मशीन के साथ अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने गए. रास्ते में कुछ महिलाओं ने जेसीबी मशीन का रास्ता रोकने का प्रयास किया, लेकिन महिलाओं को पुलिसकर्मियों ने वहां से हटा दिया. इसके बाद, एक बड़ी भीड़ ने ध्वस्तीकरण कार्य को रोकने का प्रयास किया और पुलिस पर पत्थर फेंके. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने घटनास्थल पर गैस गन से 10 राउंड फायर किए. इस दौरान, तीन पुलिसकर्मी घायल हुए. वहीं, चार लोगों, राज कुमार, सुरेन्द्र सिंह, प्रवीण और भीम सेन को मौके पर से गिरफ्तार किया. पुलिस ने तहसीलदर की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करके जांच शुरू की और जांच में सामने आया कि कुछ नेताओं के इशारे पर इन लोगों को उकसाया गया है. पुलिस चार्जशीट के अनुसार घटना 14 नवंबर 2014 को दोपहर 3:00 बजे JK फार्म हाउस, रेलवे लाइन, गौतम कॉलोनी, नरेला, दिल्ली के पास हुई. दिल्ली पुलिस ने छह आरोपियों, पूर्व बीजेपी विधायक नील दमन खत्री, जोगिन्दर दहिया, राज कुमार, सुरेंद्र, प्रवीण और भीम सेन, के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था.