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14 साल की रेप विक्टिम को मिली थी Abortion कराने की इजाजत, अब SC ने आदेश वापस लिया, ये रही वजह

14 वर्षीय रेप विक्टिम के माता-पिता की रजामंदी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने, गर्भपात कराने की इजाजत देने के, अपने फैसले को वापस ले लिया है.

Written by My Lord Team |Published : April 30, 2024 12:12 PM IST

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल की रेप विक्टिम को गर्भपात (Abortion) कराने की इजाजत दी थी. अब शीर्ष न्यायालय ने इस फैसले को वापस ले लिया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने बच्ची के माता-पिता की रजामंदी मिलने के बाद फैसले को वापस लिया है. सीजेआई ने बताया कि पैरेंट्स ने बच्ची एवं उसके बच्चे को अपनाने की मांग की जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया है. बता दें कि पीड़िता 30 सप्ताह से ज्यादा समय की गर्भवती थी. उसे इस बात की जानकारी काफी देर से हुई. इसलिए पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-142 के तहत मिली असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए बच्ची को गर्भपात कराने की इजाजत दी थी. अब अदालत ने अपने इस फैसले को वापस लिया है.

पहले दी थी इजाजत, अब रोक लगाया

22 अप्रैल, 2024 के दिन पिछली सुनवाई हुई. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए बच्ची को गर्भपात कराने की इजाजत दी थी. मेडिकल जांच रिपोर्ट में कहा गया कि गर्भ जारी रखने पर बच्ची पर शरीरिक व मानसिक रूप से प्रभाव पड़ेगा. सीजेआई ने इस परिस्थिति को बेहद कष्टकारी बताते हुए गर्भपात कराने का फैसला सुनाया था.

क्या है कानून?

गर्भ को खत्म करने को लेकर 1971 में कानून बनाया गया. नाम- मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट. साल 2000 में MTP एक्ट में कुछ संशोधन किया गया था. संशोधन के बाद, किसी भी शादीशुदा महिला, रेप विक्टिम, दिव्यांग महिला और नाबालिग लड़की को 24 हफ्ते तक की प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाजत दी गई. 24 हफ्ते से ज्यादा प्रेग्नेंसी होने पर गर्भ खत्म करने के लिए कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ती है. मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विचार करने के बाद ही कोर्ट अपना फैसला सुनाता है.

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नोट: यह खबर हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे मीडिया के छात्र सत्यम कुमार ने लिखी है.