दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट सुनयना सिब्बल (Animal Rights Activist Sunayana Sibal) के निवास पर एक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश है. यह फैसला सिब्बल की याचिका के बाद लिया गया है, जिसके चलते अदालत ने भलस्वा से घोघा में डेयरियों को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.
23 अगस्त को, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को 27 अगस्त तक पशु अधिकार कार्यकर्ता सुनयना सिब्बल के लिए खतरे की गंभीरता को जांचने का निर्देश दिया था. एक्टिविस्ट सिब्बल ने दावा किया कि उन्हें दो अज्ञात व्यक्तियोंउनके घर पर आए थे, जब वो घर पर नहीं थी. अदालत ने धमकियों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और स्थानीय एसएचओ को सिब्बल की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. पीठ ने यह भी चेतावनी दी कि सिब्बल के खिलाफ किसी भी तरह की धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी, डीयूएसआईबी, जीएनसीटीडी और एमओएचयूए सहित सभी वैधानिक प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे सभी डेयरियों को भलस्वा से घोघा डेयरी कॉलोनी में स्थानांतरित करें. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि इन सभी कॉलोनियों में डेयरी प्लॉट मालिकों ने अवैध रूप से इन डेयरी प्लॉटों का उपयोग वाणिज्यिक और आवासीय उपयोग में बदल दिया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि एमसीडी और जीएनसीटीडी सहित वैधानिक प्राधिकारियों की, भलस्वा और गाजीपुर के निकट सैनिटरी लैंडफिल से निकलने वाले कचरे को दुधारू पशुओं द्वारा खाने से रोकने के लिए कार्रवाई करने में असमर्थता को देखते हुए, वकील की दलीलों पर विचार करने और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के पत्राचार का अवलोकन करने के बाद, हम इस दलील में योग्यता पाते हैं कि चूंकि भलस्वा डेयरी कॉलोनी को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक भूमि का अनुमान 30 एकड़ है और निश्चित रूप से, घोघा डेयरी कॉलोनी में 83 एकड़ तक की अप्रयुक्त भूमि उपलब्ध है. अदालत ने इन डेयरियों को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है.
अब इस मामले से जुड़ी एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट सुनयना सिब्बल को अदालत ने सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.