सोमवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिफिोशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्भरता बढ़ाने से बचने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अदालत चल रही थी, AI ट्रांसलेशन का जिक्र आया. पीठ के सामने फैसले सुनाने के लिए हिंदी अनुवाद की जरूरत थी, जस्टिस केवी विश्वनाथन ने देखा कि अनुवाद (ट्रांसलेशन) में Leave Granted का मतलब छुट्टी स्वीकार, जबकि अर्थ याचिका स्वीकार होती है.
उसके बाद जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हमारे समय में Leave Granted का अनुवाद अर्थ अवकाश स्वीकार आता था. अदालत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कई कानूनी शब्दों का अनुवाद गलत था.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने हमेशा ही तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही है. उन्होंने कहा था कि तेजी से डिजिटल होती दुनिया में भारत की न्यायपालिका का अगला कदम विभिन्न अदालतों के फैसले को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराना है. इसी प्रयासों में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय तक लोगों की पहुँच बढ़ाने के लिए AI को अपनाया है, जिसका उद्देश्य तकनीक, AI का उपयोग करके सभी भारतीय भाषाओं में अदालत के फैसले को उपलब्ध कराना है. अदालत ने संवैधानिक पीठ में मामलों के लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए AI और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण का उपयोग करना शुरू कर दिया है.
हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने हैकथॉन 2024 का आयोजन किया है, अभी लाइव है. 75 वर्ष पूरे होने पर शुरू हुए इस हैकथॉन का उद्देश्य AI की मदद से सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री के कार्यों का समाधान ढूढ़ना है.हैकथॉन 2024 का मुख्य विषय भारत के सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री के आधिकारिक कार्यों को बेहतर बनाने और इसे और अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से समाधान तलाशना है. हैकथॉन को mygov के साथ चलाया जा रहा है.