Bank Recovery Agent: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने होम लेने वाले कस्टमर से पैसे वसूलने के लिए रिकवरी एजेंट भेजने पर ICICI बैंक के चेयरमैन से जवाब की मांग की है. अदालत ने चैयरमैन से ये भी बताने को कहा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने बैंक अधिकारियों द्वारा रिकवरी एजेंट के माध्यम से पैसा वसूलने पर रोक लगा रखी है, तो आपने उसका प्रयोग कैसे किया? बता दें कि होम लोन से जुड़े इस मामले में कर्जदार (Borrower) द्वारा लोन चुकाने पर भी बार-बार बैंक द्वारा रिकवरी एजेंट भेजा जा रहा था. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ICICI के चेयरमैन को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर कर जवाब देने को कहा है.
जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने विवाद को सुनवाई की. बेंच ने ICICI के चैयरमैन को व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा देकर जवाब देने को कहा है.
बेंच ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा,
"उनका बैंक रिकवरी एजेंटों की सेवाएं कैसे ले रहा था, जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर स्पष्ट रूप से रोक लगा दी थी."
इलाहाबाद हाईकोर्ट एक मानहानि के मुकदमे को खारिज करने की मांग वाली याचिका पर सुन रहा था. मानहानि का मुकदमा बैंक से होम लोन लेने वाले व्यक्ति, राहुल सिंह ने किया था.
राहुल सिंह, एक अमेरिकी नागरिक होने के साथ-साथ ओवरसीज इंडियन सिटीजन कार्डधारी भी है, ने आरोप लगाया. राहुल ने ICICI के नोएडा ब्रांच से 7,80,000 रूपये का होम लोन लिया था. राहुल सिंह के अनुसार, साल 2007 तक उन्होंने बैंक के पैसे का भुगतान ब्याज सहित कर दिया था. इसके बावजूद बैंक ने उनके CIBIL में सुधार नहीं किया, साथ ही उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर रखा था. बाद में, बैंक ने उसके खिलाफ सिविल सूट (Civil Suit) भी दायर किया. इसी घटनाक्रम में, बैंक अधिकारियों ने रिकवरी एजेंट को वसूली के लिए राहुल के घर भेजे. रिकवरी एजेंट ने पैसे निकलवाने के लिए अपमानजनक टिप्पणियां की, जिससे आजिज होकर पीड़ित ने बैंक अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया.
अब बैंक अधिकारियों की ओर से मानहानि के मामले को खारिज करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.
अब इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होगी.