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खुल गया राज! जानें कैसे चुने जाते थे Supreme Court Judge? किस आधार पर Collegium करती है सिफारिश?

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम न्यायाधीशों के चयन में कई कारकों पर विचार करती है, जिनमें उम्मीदवार की योग्यता, ईमानदारी, कार्य क्षमता, हाई कोर्ट में कार्यकाल के दौरान निर्णयों की दर और गुणवत्ता, और सभी हाई कोर्टों का समान प्रतिनिधित्व शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना

Written by Satyam Kumar |Published : May 6, 2025 12:56 PM IST

न्यायपालिका ने लोगों का विश्वास, 'We The People' की धारणा को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है. बीते देर शाम सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई, सुप्रीम कोर्ट जज और हाई कोर्ट से जज बनाने की प्रक्रिया को लेकर बड़ी सूचना जारी की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस जानकारी में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम किस आधार पर जजों को सेलेक्ट करती है, हाई कोर्ट में जज बनने के लिए मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर क्या है? केवल प्रोजीसर ही नहीं चयनित उम्मीद्वार की योग्यता कैसे जांची जाती है, वो कौन-से फैक्टर है जिसके आधार पर किसी वकील का चयन किया जाता है. आइये जानते हैं एक-एक पहलू...

कॉलेजियम की संरचना

सबसे पहले कॉलेजियम की बनावट, यह पांच सदस्यों की एक बेंच होती है जो प्रशासनिक मामलों पर फैसला लेने के लिए बनाई जाती है. इस बेंच में सीजेआई के अलावे सुप्रीम कोर्ट के चार अन्य सीनियरमोस्ट जज शामिल होते हैं. साथ ही यह प्रोवीजन है कि अगर अगले सीजेआई सीनियरमोस्ट जजों में नहीं है तो  संभावित सीजेआई के लिए जुड़े जस्टिस को उस कॉलेजियम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए.

CJI के चयन की प्रक्रिया

अभी हाल ही में सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस बीआर गवई के नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी थी, केन्द्र सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार भी किया है. बता दें कि चली आ रही परंपरा के अनुसार, सीजेआई, सुप्रीम कोर्ट के सीनियरमोस्ट जज ही बनते हैं.

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  • भारत के चीफ जस्टिस की नियुक्ति से कम से कम एक महीने पहले, केंद्रीय कानून मंत्री, अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश से सिफारिश मांगते हैं.
  • परंपरा के अनुसार, नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश की होनी चाहिए, जिन्हें पद धारण करने के लिए योग्य माना जाता है.
  • यदि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश (Seniormost Judge) के पद धारण करने की योग्यता पर कोई प्रश्न उठता है, तो मुख्य न्यायाधीश भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए संविधान के अनुच्छेद 124(2) में परिकल्पित अन्य न्यायाधीशों से परामर्श करेंगे.
  • मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश प्राप्त करने के बाद, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री प्रधानमंत्री को सिफारिश भेजेंगे, जो फिर भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति को सलाह देते हैं.

यहां ध्यान देनेवाली है कि किसी अपवाद की परिस्थिति में यदि भारत के उत्तराधिकारी मुख्य न्यायाधीश चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक नहीं हैं, तो उन्हें कॉलेजियम का हिस्सा बनाया जाना अनिवार्य होगा क्योंकि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी होना चाहिए जो वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कार्य करेंगे.

हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट जज बनने की प्रक्रिया

कॉलेजियम, जिस हाई कोर्ट से जज के नाम की सिफारिश आती है, उनके बारे में परामर्श लेने के लिए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राय लेते हैं, अगर चीफ जस्टिस को उनके बारे में पता नहीं है तो कॉलेजियम उस हाई कोर्ट के सीनियरमोस्ट जज से कैंडिडेट के गुण-दोष के बारे में पता करेगी.

इन आधार पर होगी चयन प्रक्रिया

  • सुप्रीम कोर्ट जज बनाने के लिए कैंडिडेट का चयन हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, जस्टिस या बार के किसी प्रतिष्ठित विधिवेत्ता में से ही की जाती है
  • वहीं, सुप्रीम कोर्ट जज चयनित करने में सभी हाई कोर्ट को समान रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए
  • हाई कोर्ट में जजों की वरीयता क्रम
  • उनकी मेरिट और इंटीगरिटी
  • उनकी अगुवाई में कितने मुकदमों का निपटारा किया गया
  • विचारधीन जज के हाई कोर्ट में कार्यकाल के दौरान निर्णयों की दर (डिस्पोजिशन रेट) पर विचार किया जाता है, साथ ही निर्णयों की गुणवत्ता, मामलों की जटिलता और अदालत के कार्यभार जैसे अन्य कारकों को साथ मिलाकर 'संभावित जज' का मूल्यांकन किया जाता है.