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अपराधियों में सजा का डर और आम लोगों में न्याय पाने का भरोसा ही सुशासन की पहचान: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति ने एनएफएसयू के स्नातकों से कहा कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति वित्तीय कारणों से न्याय से वंचित न हो और समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय उपलब्ध कराना उनका लक्ष्य होना चाहिए.

President Draupadi Murmu

Written by Satyam Kumar |Published : February 28, 2025 6:57 PM IST

शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपराधियों के पकड़े जाने और दंडित होने का डर और आम लोगों का न्याय पाने का विश्वास अच्छे शासन की पहचान है. गांधीनगर में नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अपराध नियंत्रण, अपराधियों के पकड़े जाने का डर और आम लोगों का न्याय पाने का विश्वास अच्छे शासन की पहचान है. इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित थे.

NFSU के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति का संबोधन

राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि कोई भी न्यायिक प्रणाली तब तक मजबूत नहीं मानी जाएगी जब तक कि यह वास्तव में समावेशी न हो. राष्ट्रपति ने तीन नए आपराधिक कानूनों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - के परिचय की बात की, जो ब्रिटिश युग के कानूनों को प्रतिस्थापित करेंगे. उन्होंने इसे न्याय वितरण प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया, इन नए कानूनों के तहत, अपराध जांच और साक्ष्य से संबंधित कई बदलाव किए गए हैं. NFSU के स्नातकों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति वित्तीय कारणों से न्याय से वंचित न हो. परंपरा और विकास के एकीकरण से, हम एक ऐसा विकसित देश बनाने की प्रक्रिया में हैं जो न्याय पर आधारित होगा.

सात साल से अधिक की सजा में फोरेंसिक जांच अनिवार्य

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय वितरण प्रणाली तब ही मजबूत मानी जाएगी जब यह सभी वर्गों के लिए उपलब्ध हो, विशेषकर उन लोगों के लिए जो कमजोर और वंचित हैं. उन्होंने स्नातकों से आग्रह किया कि वे इस दिशा में कार्य करें ताकि देश का अंतिम व्यक्ति भी न्याय प्राप्त कर सके. राष्ट्रपति ने बताया कि अब सात साल या उससे अधिक की सजा वाले मामलों में फोरेंसिक विशेषज्ञ का अपराध स्थल पर जाकर जांच करना अनिवार्य हो गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ने सभी राज्यों में फोरेंसिक सुविधाओं के विकास के लिए समयबद्ध प्रावधान किए हैं.

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मजबूत फोरेंसिक प्रणाली बनाने में NFSU की अहम भूमिका

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि NFSU के योगदान से एक मजबूत फोरेंसिक प्रणाली विकसित होगी, सजा की दर बढ़ेगी और अपराधियों को अपराध करने से डर लगेगा. NFSU के तीसरे दीक्षांत समारोह में 1560 से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई. इस समारोह में पांच विदेशी देशों के लगभग 70 छात्रों ने भी स्नातक की डिग्री प्राप्त की. राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलाव, विशेषकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में, फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं. लेकिन साथ ही, अपराधी भी नए तरीकों को खोज रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिसिंग, अभियोजन और अपराध न्याय वितरण प्रणाली से जुड़े लोग तभी अपराध को नियंत्रित करने और न्याय को सुलभ बनाने में सफल हो सकते हैं जब वे अपराधियों से अधिक स्मार्ट, तेज और सतर्क रहें.