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पिछले छह महीने से पांच सिफारिशें सरकार के पास लंबित, हाईकोर्ट जजों के ट्रांसफर के सवाल पर संसद में कानून मंत्री की प्रतिक्रिया

इस सत्र के दौरान कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार को सितंबर 2022 से मई 2023 तक मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार की कोई शिकायत मिली है.

लोकसभा में अर्जुन राम मेघवाल

Written by Satyam Kumar |Published : November 30, 2024 12:21 PM IST

संसद में अभी शीतकालीन सत्र (Winter Session) चल रहा है. इस सत्र में कानून क्षेत्र से जुड़े कई सवाल सरकार से पूछे गए, जिसका जवाब कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Union Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने दिया है. सरकार ने लोकसभा को बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण (Transfer of Judges) के संबंध में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की पांच सिफारिशें छह महीने से अधिक समय से लंबित हैं. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इन सिफारिशों को केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार है. इसके अलावा, उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इन शिकायतों को न्यायपालिका द्वारा आंतरिक रूप से (In-house Mechanism) निपटाया जाता है.

सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तबादले के लिए उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की पांच सिफारिशें केंद्र के पास छह महीने से अधिक समय से लंबित हैं. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 26 नवंबर तक पांच ऐसी सिफारिशें लंबित हैं. वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण पर कॉलेजियम की उन सिफारिशों से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जो सरकार के पास छह महीने से अधिक समय से लंबित हैं. कॉलेजियम 25 उच्च न्यायालयों और शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति के लिए सिफारिश करता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाता है. इसके बाद राष्ट्रपति आदेश जारी करते हैं. बता दें कि बीते कल कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति करने की भी सिफारिश की है.

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार को सितंबर 2022 से मई 2023 तक मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार की कोई शिकायत मिली है. मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और मुख्य न्यायाधीशों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों को न्यायपालिका द्वारा "इन-हाउस मैकेनिज्म" (अंदरूनी तंत्र) के माध्यम से निपटाया जाता है. उन्होंने सदन को बताया कि भारत के संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता को देखते हुए, प्राप्त शिकायतों/अभ्यावेदनों को प्रधान न्यायाधीश या संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजा जाता है, जैसा भी मामला हो.

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बता दें कि इस शीतकालीन सत्र में सरकार ने इस सवाल पर भी अपना रूख साफ कर दिया है कि क्या वे जजों को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने को लेकर कानून बनाएंगे या नहीं? सरकार की ओर से कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है.

(खबर PTI इनपुट के आधार पर लिखी गई है)