पेड़ो की महता क्या है! यह प्रकृति की छांव में बैठने वाले लोगों से बेहतर कौन जान पाएगा. उनसे बेहतर, भरी धूप में भीड़ में खड़े रहनेवाले को पेड़ की महत्ता महसूस होगी. दुनिया तमाम की परेशानी पर्यावरण की अस्थिरता है, पेड़ पर्यावरण की संतुलित बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी हैं. इसलिए पेड़ो व पर्यावरण को लेकर न्यायपालिका भी बेहद सतर्क और कठोर हैं.
जैसा कि आपको पता होगा रिज क्षेत्र में 1100 पेड़ो की कटाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के आला अधिकारियों की नींदे उड़ा रखी है. इसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसी तरह की पेड़ कटाई पर रोक लगाया है. साथ ही बिना परमिशन पेड़ो की कटाई नहीं की जा सकती है. इन सब के बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा दिल्ली पुलिस के दो अधिकारियों और एक कॉन्ट्रेक्टर पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाता है. इन पर आरोप है कि ये मंगोलपुरी पुलिस स्टेशन के परिसर में लगे पेड़ को बिना अनुमति के कटाई व दो पेड़ो की छंटाई की है.
आरोपियों पर एक लाख का जुर्माना दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्री एक्ट (DPTA, 1994) के तहत लगाया गया है. इस एक्ट का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र में पेड़ो की कटाई या नुकसान पहुंचाने वाले सभी गतिविधियों पर रोक लगाना है. साथ ही इस कानून के अनुसार, पेड़ो को क्षति पहुंचाने की गतिविधि में शामिल होनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना भी शामिल है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली पुलिस को एक लाख का जुर्माने की राशि 30 दिनों के भीतर जमा करने के आदेश दिए हैं. साथ ही दिल्ली पुलिस को काटे गए पेड़ो की जगह पांच पेड़ लगाने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली पुलिस पीसीआर के पुलिस उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया कि पेड़ो की कटाई की गई थी, लेकिन ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया था. रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया कि पुलिस अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी. पेड़ कॉन्ट्रेक्टर ने गलती से काट दी थी.
रिपोर्ट में पुलिस की ओर से ये भी कहा गया कि विभाग प्रदूषण को लेकर सतर्क है, वे जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं. पीसीआर उपायुक्त ने कहा कि दिल्ली पुलिस और पीसीआर अक्सर पौधारोपण अभियान चलाती है, उन्होंने ओल्ड पुलिस लाइन में कई पौधे लगाएं है.