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'पब्लिकली माफी मांगे कपिल सिब्बल, नहीं तो लाएंगे अविश्वास प्रस्ताव', कोलकाता डॉक्टर केस पर लाए प्रस्ताव से पूर्व SCBA अध्यक्ष ने जताई नाराजगी

कपिल सिब्बल आदिश सी अग्रवाल

Adish C. Aggarwala ने Kapil Sibal से विवादास्पद प्रस्ताव वापस ले या SCBA सदस्यों से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की है. पूर्व SCBA अध्यक्ष के अनुसार कपिल सिब्बल ने इस घटना को लक्षणात्मक अस्वस्थता (Symptomatic Malaise) बताया गया है और सुझाव दिया गया है कि ऐसी घटनाएं आम बात हैं.

Written by Satyam Kumar |Published : August 25, 2024 4:53 PM IST

Kapil Sibal vs Adish C. Aggarwala: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के तत्काल पूर्व अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने मांग की है कि वर्तमान अध्यक्ष कपिल सिब्बल या तो 21 अगस्त, 2024 को पारित विवादास्पद प्रस्ताव वापस लें या एससीबीए के प्रत्येक सदस्य से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें. ऐसा न करने पर सिब्बल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के वर्तमान अध्यक्ष कपिल सिब्बल को लिखे पत्र में आदिश अग्रवाल ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या से संबंधित प्रस्ताव पर गंभीर चिंता व्यक्त की,

अग्रवाल के पत्र में सिब्बल की एससीबीए के कथित प्रस्ताव को जारी करने के लिए आलोचना की गई है, जिसमें इस घटना को  लक्षणात्मक अस्वस्थता (Symptomatic Malaise) बताया गया है और सुझाव दिया गया है कि ऐसी घटनाएं आम बात हैं.

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अग्रवाल ने कहा कि इस प्रस्ताव को एससीबीए की कार्यकारी समिति द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमोदित नहीं किया गया था, जिससे यह अमान्य हो गया. उन्होंने सिब्बल पर घटना की गंभीरता को कम करने के लिए अपने पद का उपयोग करने और संबंधित मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए इस तरह के बयान देकर हितों के टकराव को प्रदर्शित करने का आरोप लगाया.

पत्र में मांग की गई है कि सिब्बल प्रस्ताव वापस लें और 72 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें। ऐसा न करने पर सिब्बल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.

कपिल सिब्बल को लिखे आदिश सी. अग्रवाल के पत्र में आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की गंभीरता को कम करने के उनके प्रयास के लिए सिब्बल की आलोचना की गई है, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय और सीबीआई द्वारा गंभीर जांच के अधीन है.

अग्रवाल ने तर्क दिया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश का उल्लेख करके और एससीबीए का कथित प्रस्ताव जारी करके, सिब्बल ने न केवल न्यायालय और जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया है, बल्कि एससीबीए अध्यक्ष की भूमिका की विश्वसनीयता और अखंडता को भी नुकसान पहुंचाया है.

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की कार्यकारी समिति के कई सदस्यों ने भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना के संबंध में एससीबीए अध्यक्ष कपिल सिब्बल द्वारा जारी किए गए प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है. उनका आरोप है कि 21 अगस्त, 2024 की तारीख वाले इस प्रस्ताव पर सिब्बल ने हस्ताक्षर किए थे और कार्यकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत या अनुमोदित किए बिना एससीबीए के लेटरहेड पर प्रसारित किया गया था.