जस्टिस शमीम अहमद ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली जिसके बाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 67 हो गई है. मुख्य न्यायाधीश के. आर. श्रीराम ने न्यायमूर्ति अहमद को उच्च न्यायालय के परिसर में एक समारोह में पद की शपथ दिलाया. जस्टिस शमीम अहमद का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट में हुआ है. हालांकि जस्टिस ने कॉलेजियम से सिफारिश करने से पहले ट्रांसफर पर विचार करने की मांग की थी, जिसे कॉलेजियम ने मानने से इंकार कर दिया था.
न्यायमूर्ति शमीम अहमद का इलाहाबाद उच्च न्यायालय से तबादला हुआ है. अहमद की नियुक्ति के साथ मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 67 हो गई है जबकि स्वीकृत पद 75 हैं. महाधिवक्ता पी. एस. रमन ने कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण दिया, जबकि तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल के अध्यक्ष पी. एस. अमलराज तथा विभिन्न अन्य अधिवक्ता संघों के अध्यक्षों ने नए न्यायाधीश का स्वागत किया. न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने इसके प्रत्युत्तर में न्यायाधीशों एवं अधिवक्ताओं को धन्यवाद दिया.
साल 1966 में जन्मे जस्टिस शमीम अहमद ने 1993 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपनी कानून की डिग्री पूरी की और 17 अप्रैल, 1993 को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सिविल, संवैधानिक, सेवा, श्रम, कंपनी और आपराधिक कानून सहित कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की. इसके अतिरिक्त, उन्होंने 4 अगस्त, 2004 से जज के रूप में अपनी पदोन्नति तक उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील के रूप में कार्य किया. उन्हें 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2021 में वह वहां स्थायी न्यायाधीश बने.
21 अगस्त को कॉलेजियम ने न्याय के बेहतर प्रशासन (Better Administration of Justice) के लिए न्यायमूर्ति शमीम अहमद को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि न्यायाधीश ने अगले दिन इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, लेकिन कॉलेजियम ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया था.