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जस्टिस हिमा कोहली की विदाई समारोह में भावुक हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, तारीफ में कहा-हमारी साथी महिला अधिकारों की प्रबल संरक्षक

जस्टिस हिमा कोहली -सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

 जस्टिस हिमा कोहली ने विदाई समारोह में मौजूद गणमान्यों से मुखातिब होते हुए कहीं कि वे रिटायर नहीं हो रही है. केवल अपने परिधान बदल रही हैं, काले, सफेद और भूरे की जगह अब वे अलग-अलग रंगों के परिधान पहन सकेंगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस कोहली का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कई बार जरूरत पड़ने पर मेरा समर्थन किया है. सीजेआई ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हिमा, आप न केवल एक महिला जज हैं, बल्कि महिला अधिकारों की एक प्रबल संरक्षक भी हैं.

Written by Satyam Kumar |Published : August 31, 2024 8:05 AM IST

Justice Hima Kohli: जस्टिस हिमा कोहली 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के पद से रिटायर हो रही है. जस्टिस कोहली की विदाई समारोह में भावुक होते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस कोहली, वे एक महिला जज भी हैं और महिला अधिकारों की बड़ी संरक्षक भी है. जस्टिस ने कहा कि हमने कई फैसले साथ दिए हैं, एक-दूसरे के विचारों को साझा किया है. इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कृतज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि जस्टिस कोहली ने कई बार मेरा समर्थन किया है.

30 अगस्त के दिन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस हिमा कोहली के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया. समारोह में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता और कपिल सिब्बल मौजूद रहें. समारोह में मौजूद लोगों ने जस्टिस से जुड़े अपने-अपने विचार साझा किए.

मै रिटायर नहीं हो रही हूं फिर से रि-अटायर हो रही हूं: हिमा कोहली

जस्टिस हिमा कोहली ने विदाई समारोह में मौजूद गणमान्यों से मुखातिब होते हुए कहीं कि वे रिटायर नहीं हो रही है. केवल अपने परिधान बदल रही हैं, काले, सफेद और भूरे की जगह अब वे अलग-अलग रंगों के परिधान पहन सकेंगी.

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जस्टिस कोहली ने कहा,

"अपने जीवन के छठे चरण में मैं स्वयं को विबग्योर के विभिन्न रंगों में ढालने का प्रयास करूंगी."

जस्टिस कोहली ने आगे कहा,

"अब जब मैं पद छोड़ रही हूं, तो मेरा इरादा अपने जूते ठीक करने या अपने जूते रखने का नहीं है. अब जब मैं देश के सर्वोच्च न्यायालय में सेवा करने के बाद पद छोड़ रहा हूं, तो मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि मेरा इरादा अभी घर पे बैठने का नहीं है."

इस दौरान जस्टिस ने एक वाक्या बताया कि जब उनसे पूछा गया कि क्या मैं सेवानिवृत्त हो रही हूं या फिर से कार्यभार संभाल रही हूं. तब  मुझे यह कहने में एक पल भी नहीं लगा कि मैं फिर से कार्यभार संभाल रही हूं."

जस्टिस हिमा कोहली 1 सितंबर, 2024 को रिटायर हो रही हैं और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष अदालत में महिला न्यायाधीशों की संख्या घटकर 2 हो जाएगी. इस पर भी जस्टिस हिमा कोहली ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से गुजारिश की कि वे उनकी जगह किसी महिला जज को ही जगह दें.

जस्टिस कोहली, हमारी साथी महिला अधिकारों की प्रबल संरक्षक हैं: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस कोहली का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कई बार जरूरत पड़ने पर मेरा समर्थन किया है. हमने कई मामलों में एक-दूसरे की राय ली है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

"जस्टिस कोहली के साथ बैठना मेरे लिए खुशी की बात रही. हमने कई बार एक दूसरे की राय ली है.  कई बार ऐसा हुआ जब उन्होंने मेरा समर्थन किया है. हिमा, आप न केवल एक महिला जज हैं, बल्कि महिला अधिकारों की एक प्रबल संरक्षक भी हैं."

वहीं, विदाई समारोह में जस्टिस हिमा कोहली की प्रशंसा में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल ने कहा कि बहस के दौरान आपसे कोई चालाकी छिपी नहीं रह सकती है, कोई आपको छका कर नहीं निकल सकता है. मौके पर मौजूद अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता ने भी जस्टिस कोहली को अपनी शुभकामनाएं दी.

जस्टिस हिमा कोहली के करियर की एक झलक

जस्टिस हिमा कोहली को तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद से 21 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था. तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनने से पहले जस्टिस हिमा कोहली दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस थी. जस्टिस हिमा कोहली को साल 2007 में परमानेंट जस्टिस के तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट में नियुक्त किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट में 2006-07 तक वे एडिशनल जज के तौर पर अपनी सेवा दे रही थी.

जस्टिस हिमा कोहली के वो आदेश, जिसे लोगो ने खूब सराहा

जस्टिस हिमा कोहली अपने बेबाक व निडर अंदाज से अपने करियर में आगे बढ़ी. उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला अभिनेत्रियों की बदतर स्थितियों को सुधारने को लेकर बनी कमेटी की अगुवाई भी की. जस्टिस हिमा कोहली की रिपोर्ट की रिपोर्ट की सत्यता इस बात से जांची जा सकती है कि केरल सरकार इस रिपोर्ट पर करीब दो सालों तक दबाए रही. वहीं रिपोर्ट के सार्वजनिक तौर पर बाहर आने से इंडस्ट्री के बड़े-बड़े लोग अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

पतंजलि भ्रामक केस को कौन भूल सकता है! जब हिमा कोहली व अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि के संस्थापकों को कानून का मखौल बनाने की कोशिश करने को लेकर जमकर फटकार लगाई थी.

सच में, जस्टिस हिमा कोहली के कार्यकाल में कई वाक्या सुनने को मिला जब वे वादी या प्रतिवादी की चालाकी दिखाने से मना कर दिया. जस्टिस कोहली ने इस दौरान बेहद अहम फैसले और आदेश सुनाए.