Contempt of Court: मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का है. एक वकील साहब अपने मुकदमे की सुनवाई शुरू करवाने को लेकर इतने बेताव हुए कि उन्होंने जस्टिस को उनके ही कोर्टरूम में मनभर सुना दिया. गुस्सा इतना भड़का कि इस कोर्टरूम में हो रही कार्यवाही को तमाशा, दिल्ली की घटना को लेकर जजों की हालत और जजों की नियुक्ति तक को आड़े हाथ में ले लिया. तमतमाते हुए वकील साहब बोले कि मामले की सुनवाई अब तक 20 बार टल गई है. वकील साहब अपना गुस्सा संभालते तब तक देरी इतनी हो चुकी थी कि अदालत ने अदालत की अवमानना (Contempt of Court) का मुकदमा शुरू करने को लेकर मामले को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेजा गया है.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जस्टिस अनुराधा शुक्ला की अदालत लगी हुई थी. एडवोकेट अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. जैसे संसद में आइटम नंबर के सुनवाई होती है, वैसे ही कोर्ट में मुकदमे की लिस्टिंग होती है और उसी क्रम में सुनवाई भी होती है.
नंबर आया, उन्होंने बहस भी की. लेकिन बहस के आखिरी पलों में वकील ने कहा,
"इस कोर्ट में 4 घंटे से तमाशा चल रहा है, मैं बैठा देख रहा हूं. हाई कोर्ट जज दूसरी जगह जाकर कहते हैं कि नये जज का अप्वाइंटमेंट करो लेकिन जजेस का हाल तो देखो, जो दिल्ली में हुआ वह भी देखा जाए. यहां पेडेंसी बढ़ रही है और हमें हैरेस किया जा रहा है. मैं आज शाम को जाकर मोहन यादव को बोलता हूं. ये केस 20 बार लग चुका है, बड़ी मुश्किल से आज नंबर आया है. मैं अपने केस की बहस यहां नहीं करना चाहता मेरे केस को दूसरे बेंच में भेज दीजिए."
वकील के रवैये पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने मामले को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास रखने के निर्देश दिए है.