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रिटायरमेंट के बाद जजों के लिए दो साल का कूलिंग पीरियड लागू हो, आप एमपी के सवाल का केन्द्रीय कानून मंत्री ने दिया जवाब

प्रश्न काल के दौरान आप एमपी राघव चड्ढा ने मांग रखते हुए कहा कि जजों को रिटायरमेंट के बाद उन्हें दो साल का कूलिंग ऑफ पीरियड देना चाहिए यानि कि उनकी नियुक्ति विधायिका या किसी पॉलिटिकल रोल में उनकी नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए.

Written by Satyam Kumar |Published : December 7, 2024 9:27 PM IST

हाल ही में संसद की बैठक में आम आदमी पार्टी से राज्यसभा एमपी राघव चड्ढा ने जजों को रिटायरमेंट के बाद किसी भी पद को धारण करने पर सवाल उठाया. सांसद ने कहा कि जजों को सेवा के दौरान ही इतनी राशि मिल जाए जिससे कि वे रिटायरमेंट के बाद किसी पद की चाह ना रखें. सवाल के दौरान आप सांसद राघव चड्ढा ने ये भी कहा कि जजों पर रिटायरमेंट के बाद दो सालों का कूलिंग पीरियड लगाया जाए, जिससे कि वे किसी पद को ग्रहण ना कर सकें. आप एमपी के इस सवाल का केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जवाब दिया है. आइये जानते हैं कि जजों पर कूलिंग पीरियड लगाने पर केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने क्या जवाब दिया है.

रिटायर जजों के लिए दो साल का कूलिंग पीरियड

राज्यसभा में राघव चड्ढा ने अपने जजों के रिटायरमेंट को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ के समक्ष तीन सवाल उठाए, जो कि इस प्रकार है;

  1. जजों को रिटायरमेंट के बाद उन्हें दो साल का कूलिंग ऑफ पीरियड देना चाहिए यानि कि उनकी नियुक्ति विधायिका या किसी पॉलिटिकल रोल में उनकी नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए,
  2. जजों की पेंशन को इतना बढ़ा दिया जिससे कि उनकी आर्थिक निर्भरता कम हो जाए, उन्हें सेवानिवृति के बाद किसी पद की इच्छा ना रहें.
  3. मेरिट बेस्ड नियुक्ति का एक प्रोसेस होना चाहिए, जिसके तहत जजों को रिटायरमेंट के बाद नियुक्ति की जाए.

Delhi: AAP MP Raghav Chadha says, "...Three suggestions have been consistently presented to the government through various committees. What is the government's stand on them? First, Cooling-off Period for Judges means that it has been suggested that judges should have a two-year… pic.twitter.com/P2Zj4720sz

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— IANS (@ians_india) December 5, 2024

संविधान में नहीं है कूलिंग पीरियड का जिक्र: कानून मंत्री

प्रश्नकाल के दौरान केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने समिति के प्रस्ताव को उजागर रखते हुए जजों की सेवानिवृति बढ़ाने से इंकार किया है. साथ ही कूलिंग पीरियड को लेकर कहा कि संविधान में कूलिंग पीरियड का जिक्र नहीं है और जजों की नियुक्ति को लेकर पहले से बने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि समिति या कमेटी के अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर जजों की बनाने की परंपरा है, तो उन रिक्तियों को कैसे भरा जाएगा.

केन्द्रीय ने मंत्री ने सेवानिवृति की उम्र बढ़ाने व कूलिंग पीरियड लागू करने से इंकार किया है, उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि सरकार की अभी ऐसी कोई मंशा नहीं है.