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कलकत्ता HC के जज जस्टिस जॉयमाल्या बागची SC के नए जज होंगे, कॉलेजियम की सिफारिश को केन्द्र से मंजूरी मिली

जस्टिस जॉयमाल्या बागची का सुप्रीम कोर्ट में लंबा कार्यकाल होगा. उनके मई 2031 में जस्टिस के वी विश्वनाथन के रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस बनने की संभवाना है.

Joymallya Bagchi, Supreme Court

Written by Satyam Kumar |Published : March 10, 2025 1:47 PM IST

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस जॉयमाल्या बागची की सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति को लेकर सहमति जताई है. इस बात की जानकारी केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दी, साथ ही इसे लेकर केन्द्र सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी किया है. वहीं, जस्टिस जॉयमाल्या बागची का सुप्रीम कोर्ट में लंबा कार्यकाल होगा. उनके मई 2031 में जस्टिस के वी विश्वनाथन के रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस बनने की संभवाना है. बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम सिफारिश सरकार के पास भेजी थी. बता दें कि जस्टिस जॉयमाल्या बागची के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 33 हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम संख्या 34 है.

छह साल से अधिक कार्यकाल का होगा

जस्टिस जॉयमाल्या बागची का सर्वोच्च न्यायालय में कार्यकाल छह साल से अधिक होगा, जिसमें वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य करेंगे. जस्टिस केवी विश्वनाथन के 25 मई, 2031 को सेवानिवृत्त होने पर, जस्टिस जॉयमाल्या बागची, जिनका जन्म 3 अक्टूबर, 1966 को हुआ, मुख्य न्यायाधीश के पद को ग्रहण करेंगे और उनकी सेवानिवृत्ति 2 अक्टूबर, 2031 को होगी.

बताते चलें कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में अपने पद से रिटायर देते हैं.

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जजशिप में 13 सालों का अनुभव

जस्टिस जॉयमाल्या बागची को 27 जून, 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 4 जनवरी, 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया. जस्टिस बागची को 8 नवंबर, 2021 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में पुनः नियुक्त किया गया और तब से वे वहीं कार्यरत हैं. उन्होंने उच्च न्यायालय में 13 वर्षों से अधिक समय तक न्यायाधीश के रूप में सेवा की है.

इस वजह से कॉलेजियम ने चुना

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस जॉयमाल्य बागची को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है. सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाली इस कॉलेजियम में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस विक्रम नाथ भी शामिल हैं. चयन के दौरान इस बात की चर्चा भी उठी कि कॉलेजियम ने यह भी बताया कि जस्टिस बागची हाई कोर्ट जजों की वरिष्ठता में 11वें स्थान पर हैं. कॉलेजियम ने एकमत से यह सिफारिश की है कि जस्टिस बागची को भारत के सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया जाए. कॉलेजियम ने यह भी ध्यान में रखा है कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की पीठ में केवल एक ही जज कोलकाता हाई कोर्ट से है. इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि 18 जुलाई 2013 को जस्टिस आलतमस कबीर के रिटायरमेंट के बाद से कलकत्ता हाई कोर्ट के किसी जज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद नहीं संभाला है.

अब कॉलेजियम की इस सिफारिश पर केन्द्र सरकार ने सहमति जता दी है.