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रिटायरमेंट डे पर Living Will पर साइन! बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस भरत देशपांडे का अहम निर्णय

जस्टिस भारत पी देशपांडे ने अपनी विदाई समारोह पर लिविंग विल पर साइन किया है. बता दें कि लिविंग विल एक कानूनी दस्तावेज है , जो बताता है कि अगर कोई व्यक्ति संवाद करने की क्षमता खो देता है तो उसे किस तरह की चिकित्सा सेवा मिलनी चाहिए.

जस्टिस भारत पी देशपांडे (पिक सौजन्य से: DIP Goa)

Written by Satyam Kumar |Published : December 8, 2024 12:01 AM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस भारत पी. देशपांडे (Justice Bharat P. Deshpande) ने गोवा में अपनी सेवानिवृत्ति के दिन, शुक्रवार को, अपनी लिविंग विल (Living Will) पर हस्ताक्षर किए. लिविंग विल एक कानूनी दस्तावेज है , जो बताता है कि अगर कोई व्यक्ति संवाद करने की क्षमता खो देता है तो उसे किस तरह की चिकित्सा सेवा मिलनी चाहिए. बता दें कि जस्टिस भरत देशपांडे साल  1996 में गोवा न्यायिक सेवा के लिए चुने गए थे. उन्हें छह साल बाद साल 2002 में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (Addiditonal District Judge) के रूप में पदोन्नत किया गया और जून 2022 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश बने.

विदाई समारोह में भारत देशपांडे को गार्ड ऑफ ऑनर

गोआ की पब्लिसिटी और सूचना मंत्रालय ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर जस्टिस भारत देशपांडे की विदाई समारोह को चित्रित किया. गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस भारत पी. देशपांडे को उनकी सेवानिवृत्ति पर उनकी सेवाओं के सम्मान में एक औपचारिक कोर्ट, गार्ड ऑफ ऑनर और एक स्मृति चिन्ह दिया गया. यह कार्यक्रम पोरवोरिम में हुआ, जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल के अंत को चिह्नित किया गया, जिसमें न्यायपालिका में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया. गोआ की पब्लिसिटी और सूचना मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर जस्टिस भारत देशपांडे की विदाई समारोह को चित्रित किया.

जस्टिस भारत देशपांडे का करियर

जस्टिस भारत देशपांडे का जन्म 7 दिसंबर 1962 को नागपुर में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा सीपीऔर बरेर हाई स्कूल, रविनगर, नागपुर से पूरी की. उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जी.एस. कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक और नागपुर विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ लॉ से LL.B. की डिग्री प्राप्त की.

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साल 1996 में गोवा न्यायिक सेवा में सिविल जज, सीनियर डिवीजन के पद के लिए चयनित हुए. उन्हें साल 2002 में अतिरिक्त जिला जज (Additional District Court) के पद पर पदोन्नत हुए और विभिन्न न्यायिक भूमिकाओं में कार्य किया. जून 2022 से बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज (Additonal Judge) के रूप में पदोन्नत किए गए.