Judge Remarks Handicapped: हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जज की दिव्यांग (Handicapped) शब्द की टिप्पणी से नाराजगी जाहिर की. मामला एडिशनल सेशन जज से जुड़ा है, जिन्होंने अपनी अदालत में केस की बहुलता पाकर अपनी हताशा व्यक्त करने के लिए Handicapped शब्द का प्रयोग किया. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस रवैया से नाराजगी जताई है. अदालत ने कहा कि एक न्यायिक अधिाकारी को ऐसे शब्दों से बचना चाहिए. बॉम्बे हाईकोर्ट ने टाले गए 12 मुकदमों पर विचार करने के निर्देश भी दिए हैं.
24 अप्रैल के दिन आदेश में सेशन कोर्ट के जज ने कुछ कार्यवाहियों पर रोक लगा दी थी और मामले में कुछ आवेदनों की सुनवाई स्थगित कर दी. एडिशनल जज ने इन मामलों को सुनवाई की स्थगित करने के दौरान कहा गया कि वह 'अक्षम' हैं, क्योंकिउस दिन लगभग 99 मामलों की सुनवाई होनी थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट में, जस्टिस पृथ्वीराज के. चव्हाण ने माना कि हालांकि अधिकांश अदालतें मामलों से भरी पड़ी हैं, लेकिन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा 24 अप्रैल के आदेश में प्रयुक्त भाषा अस्वीकार्य है.
बेंच ने कहा,
"भाषा का लहजा और भाव अनुचित और अस्वीकार्य है. न्यायिक अधिकारी को 'विकलांग' शब्द का प्रयोग करके अपनी निराशा और असमर्थता व्यक्त नहीं करनी चाहिए थी और साथ ही स्थगन देने में अनिच्छा भी नहीं दिखानी चाहिए थी."
बेंच ने ये भी कहा,
"लगभग हर अदालत में मामलों की बाढ़ आ जाती है, जिसका अर्थ यह नहीं है कि सही और उचित मामलों में भी ऐसे कारण दिए जाए."
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी एक पक्ष द्वारा रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं. साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने जज को निर्देश दिया कि वे 12 आवेदनों में से 6 पर शीघ्र निर्णय लें, जिनकी सुनवाई 12 जून तक स्थगित कर दी गई थी. बचे 6 मामलों पर आगामी चार सप्ताह में विचार करने के निर्देश दिए हैं.