हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारियों को माननीय कहकर संबोधित करने से नाराजगी जाहिर की है. उच्च न्यायालय ने यूपी सरकार के राजस्व विभाग के मुख्य सचिव से जवाब तलब करते हुए कहा कि सरकारी अधिकारियों के लिए किस प्रोटोकॉल के तहत माननीय शब्द का प्रयोग किया जा रहा है? अदालत ने मुख्य सचिव को 1 अक्टूबर तक हलफनामा के माध्यम से जवाब देने को कहा है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ ने सरकारी अधिकारियों द्वारा अधिकारिक पत्राचार में माननीय कहकर संबोधित करने पर आपत्ति जताई है. अदालत ने कहा कि माननीय शब्द का प्रयोग मंत्री या अन्य संप्रभु अधिकारियों के लिए किया जाता है. मगर सरकार के लिए कार्यरत अधिकारियों के प्रयोग किया जा सकता है या नहीं. अदालत ने यूपी के राजस्व विभाग के सचिव से इस मामले से संबंधित प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने को कहा है.
वाक्या यूं हुआ कि इलाहाबाद हाईकोर्ट इटावा के कृष्ण गोपाल राठौर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, इस दौरान अदालत के सामने कलेक्टर इटावा का मंडलीय कमिश्नर कानपुर डिवीजन को लिखे एक आधिकारिक पत्र में माननीय (Honorable) कमिश्नर लिख कर संबोधित किया गया था, जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए जवाब तलब की है.
अदालत अब एक अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी.