हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन याचिकाकर्ताओं पर दो-दो लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले वकील को सूचित किए बिना अधिवक्ता बदलने को लेकर याचिकाकर्ता के रवैये से नाराजगी जाहिर करते हुए ये जुर्माना लगाया है. मामले में तीनों याचिकाकर्ता ने अपने पहले वकील के खिलाफ एक झूठा आरोप लगाते हुए दूसरे वकील से हलफनामा दायर करवाया था, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्टन ने ये फैसला सुनाया. पहले अधिवक्ता ने याचिका दायर कर अपने मुक्किल के रवैये को झूठा बताया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने मोहम्मद परवेज व दो अन्य की याचिका पर दो-दो लाख रूपये का जुर्माना लगाया. अदालत ने जुर्माने की राशि चार सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि को हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने के निर्देश दिए हैं.
अदालत ने कहा,
"याचियों का आचरण ठीक नहीं है. उन्होंने गलत बयानी कर हलफनामा दायर किया है, जबकि पुराने अधिवक्ता इनकी ओर से अदालत के सामने मौजूद हो चुके हैं. इसलिए इन पर जुर्माना लगाया जाता है."
अदालत ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अगर जुर्माने की राशि भरने में देरी होती है, तो याचिकाकर्ता के खिलाफ विधिक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
पहले अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि याचिकाकर्ताओं ने बिना कुछ बताए, उसके खिलाफ झूठा हलफनामा दायर किया है. वकील ने दावा किया कि तीनों ना ही फाइल वापस मांगी, ना ही किसी बात को लेकर आपत्ति जताई. अदालत ने गौर किया कि याचिकाकर्ता के नए अधिवक्ता सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं है, साथ ही पुराने वकील काफी सीनियर भी है, जिससे नाराजगी जताते हुए अदालत ने तीनों याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ये कार्रवाई की है.