हड़ताल क्या है श्रम विधि के अंतर्गत? इसके आवश्यक तत्व और करने की शर्तें क्या हो सकतीं हैं?
हड़ताल करने के लिए कुछ शर्तों का पालन किया जाना अनिवार्य है अगर उन नियमों का पालन नहीं किया गया तो...
हड़ताल करने के लिए कुछ शर्तों का पालन किया जाना अनिवार्य है अगर उन नियमों का पालन नहीं किया गया तो...
राष्ट्रीय आपातकालीन प्रावधान भारत के संविधान के भाग अठारह (Part XVIII) में अनुच्छेद 352 (Article 352 ) में निहित हैं .
ACJM विपिन यादव की कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि एंबुलेंस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई को तय की है.
हिंदू महिला की मां को यह लिव-इन रिलेशनशिप नामंजूर था. कपल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया था.
अगर कोई व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है तो वह दंड का भागीदार होगा
आदेश सुरक्षित रखने के बाद खंडपीठ ने 26 जून को अगली तारीख तय की. अंतिम आदेश सुनाए जाने तक खंडपीठ ने सीबीआई को कोई भी कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया.
गैंगस्टर जीवा की 26 वर्षीय विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो वकील के भेष में अदालत में दाखिल हुआ था.
एनसीईआरटी ने शुद्धिपत्र जारी करते समय निविदा कर्ताओं के लिए पात्रता शर्तों और अन्य आवश्यकताओं के संबंध में एकतरफा और पक्षपातपूर्ण मानदंड निर्धारित किए हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि मीडिया अपनी तरह से हो रहे वादी की गरिमा और प्रतिष्ठा की हानि को लेकर लापरवाह नहीं हो सकता.
क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर व्य़क्ति के द्वारा अगर कैश में पेमेंट किया जाता है. विभाग इसे लेकर जवाब मांग सकता है
जाली नोटों से जुड़े अपराध हर दिन समय के साथ बढ़ते जा रहे है . क्या है भारतीय दंड संहिता में इससे जुड़े सम्बन्धित प्राविधान
अदालत ने कहा था कि यदि सुधाकरन गिरफ्तार किया जाता है तो जमानत पर छोड़ा जाए.
जेल से संबंधित कई नियम कारागार कानून में निर्दिष्ट किए गए हैं उन्हीं नियमों में से एक हैं बीमार कैदी के लिए नियम
हमारे समाज में मानव शरीर के प्रति होते गंम्भीर अपराधों में मुख्यत: गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide) और हत्या (Murder) है.
अदालत ने तीनों बच्चों को ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के तहत कक्षा 1 में प्रवेश के लिए स्कूल से संपर्क करने का निर्देश दिया.
दर्ज आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि 16 वर्ष की उम्र में नाबालिग होने के बाद भी पीड़िता ने याचिकाकर्ता के पक्ष में बयान दिया है.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने यह आदेश शोएब इब्राहिम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.
याचिकाकर्ताओं ने किन्नरों को स्वास्थ्य के अधिकार और विशेष शौचालय उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.