क्या आप भी अपने बच्चों को अपनी गाड़ी की चाबी देते है. तो आपको अब सावधान रहने की जरूरत है. क्योकि आपका ये लाड प्यार ना केवल आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है बल्कि आपको भी जेल की सलाखों के पिछे भेज सकता है.
जीं हा, सड़क पर अगर कोई भी नाबालिग बच्चा वाहन चलाते हुए पाया जाता है तो इसके लिए बच्चे को नहीं बल्कि वाहनमालिक माता—पिता या उसके वास्तविक स्वामी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती हैं.
ट्रैफिक नियमों में अब नाबालिग के ड्राइविंग को लेकर कई सख्त नियम हैं. अगर कोई बच्चा ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके पेरेंट्स पर सीधी कार्रवाई हो सकती है. बच्चे के पेरेंट्स पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की जेल की सजा तक हो सकती है. इसलिए पेरेंट्स को सावधान हो जाना चाहिए कि उनका बच्चा ड्राइविंग न करे.
सिर्फ नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर ही 25 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना होगा. लेकिन किसी दुर्घटना के होने पर ना के वल आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है बल्कि आपके बच्चे का ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र तक नहीं बन पायेगा.
दुर्घटना होने पर नाबालिग जिस गाड़ी को चला रहा हो उस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही दुर्घटना के लिए वाहन स्वामी को जुर्माने के साथ-साथ जेल भी जाना पड़ सकता है.
संशोधित मोटर वीइकल एक्ट-2019 को प्रदेश सरकार की तरफ से लागू किए जाने के बाद ट्रैफिक नियम काफी सख्त हो गए हैं। बावजूद इसके स्कूली बच्चे नोएडा की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों को रौंदते हुए दो पहिया पर फर्राटा भर रहे हैं। एनबीटी की टीम ने गुरुवार को कई स्कूलों के बाहर इसका रियलिटी चेक किया। इस दौरान कई छात्र बाइक और स्कूटी पर बिना हेलमेट जाते दिखाई दिए.
ट्रैफिक नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी है लेकिन नाबालिग बच्चे को गाड़ी नहीं देना ना केवल माता पिता की जिम्मेदारी हैं बल्कि हर वाहनमालिक की खुद की जिम्मेदारी है.
Motor Vehicles (Amendment) Act, 2019 के अनुसार अदालत भी यह मानकर चलेगा कि बच्चे द्वारा मोटर वाहन का उपयोग उसके माता पिता या संरक्षक या मोटर वाहन के मालिक की सहमति से किया गया है.
इसलिए अदालत में आपकी कोई भी दलील आपके समर्थन में मदद नहीं कर पाएगी. अदालत बिना किसी दुर्घटना के भी बच्चे द्वारा वाहन चलाते पाए जाने पर मोटर वाहन का पंजीकरण 12 महीने की अवधि के लिए रद्द कर सकती है.