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Law Commission: पांच से ज्यादा पार्ट-टाइम सदस्य नहीं, सेवारत SC -HC जज ही बनेंगे अध्यक्ष, सरकार ने 23वें Law Commission किया गठन, तीन साल का होगा कार्यकाल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 23वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जो 1 सितंबर, 2024 से 31 अगस्त, 2027 तक कार्य करेगा. आयोग में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, चार सदस्य और अतिरिक्त पदेन और अंशकालिक सदस्य शामिल होंगे.

लॉ कमीशन ऑफ इंडिया

Written by Satyam Kumar |Updated : September 3, 2024 9:50 AM IST

23 Law Commission: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते कल 23वें विधि आयोग के गठन की घोषणा की है. 23वें विधि आयोग का कार्यकाल तीन साल के लिए तय किया गया है, यानि आयोग 31 अगस्त 2027 तक प्रभाव में रहेगी. विधि आयोग सरकार को विभिन्न पहलुओं पर कानूनी राय देती है. पैनल में अध्यक्ष, सचिव सहित पांच सदस्य होंगे. सामान्यत: विधि आयोग की अगुवाई रिटायर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जज द्वारा किया जाता है. लेकिन इस बार केन्द्र सरकार ने इसमें बदलाव किया है. अब विधि आयोग का अध्यक्ष किसी वर्तमान सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जज ही हो सकते हैं.

विधि आयोग के सदस्यों की गठन की संरचना

नोटिफिकेशन  के अनुसार, विधि आयोग में पांच सदस्यों से ज्यादा अंशकालिक (Part Time) सदस्य नहीं हो सकते हैं. आयोग के चेयरपर्सन और सदस्यों के तौर पर काम करने वाले सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वर्तमान जज सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में रिटायर होने की तिथि तक या आयोग का कार्यकाल समाप्त होने तक (जो पहले हो) पूर्णकालिक आधार पर कार्य करेंगे.

राष्ट्रपति ने विधि आयोग के गठन को दी मंजूरी

विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 23वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जो 1 सितंबर, 2024 से 31 अगस्त, 2027 तक काम करेगा. आयोग में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, चार सदस्य और अतिरिक्त पदेन और अंशकालिक सदस्य शामिल होंगे. आयोग की भूमिका भारतीय कानूनी प्रणाली में सुधार के लिए कानूनी सुधारों की समीक्षा और सिफारिश करना होगी.

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President Droupadi Murmu approves the formation of the 23rd Law Commission of India, which will serve from September 1, 2024, to August 31, 2027. The commission will comprise a full-time Chairperson, four members, and additional ex-officio and part-time members. The commission's… pic.twitter.com/J0xI4hnBUT

— ANI (@ANI) September 2, 2024

22वें विधि आयोग के सुझाव की रही चर्चा

विधि आयोग सरकार को जटिल मसलों पर सरकार को कानूनी सलाह देना होता है. 22वें कमीशन ने सरकार को कई ऐसे सुझाव दिए जो देश भर में चर्चा का विषय भी रहे. इसमें वन नेशन-वन इलेक्शन और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) जैसे मुद्दे भी शामिल हैं. 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष रहे रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी को भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था लोकपाल का सदस्य भी नियुक्त किया गया था.

पहली बार कब बना था विधि आयोग?

भारत में पहला विधि आयोग साल 1955 में तैयार किया गया था. तब से अब तक 22 लॉ कमीशन आयोग अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. 22वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त को 2024 को समाप्‍त हुआ है.  22वें कमीशन का गठन केन्द्र सरकार ने 21 फरवरी 2020 को किया था.  9 नवंबर 2022 को जस्टिस अवस्थी ने 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था. उस समय भी इसका कार्यकाल तीन साल के लिए ही था, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी 2023 में इसका कार्यकाल बढ़ा दिया. अब 23वें विधि आयोग का कार्यकाल 1 सितंबर 2024 से लेकर 31 अगस्‍त 2027 तक रहेगा.