दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज फिर से दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं. इस बार केजरीवाल ने उच्च न्यायालय से ट्रायल कोर्ट द्वारा ईडी मामले में दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को चुनौती दी है. केजरीवाल ने कहा है कि अदालत का संज्ञान लेने का निर्णय लेना कानूनी तौर पर उचित नहीं है. मामले में अभियोजन चलाने से पहले ईडी को अनुमति लेना जरूरी था. केजरीवाल ने दावा किया ईडी ने मामले में अभियोजन के लिए संज्ञान नहीं लिया है, जबकि याचिकाकर्ता उस समय मुख्यमंत्री थे.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लेना सही नहीं है क्योंकि इसमें कानूनी प्रक्रिया का उचित तौर पर पालन नहीं किया गया है. अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि जांच एजेंसी ने मेरे खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली है, जो कि सीआरपीसी की धारा 197 (1) का उल्लंघन है.
कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC)की धारा 197(1) के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों और जजों पर सार्वजनिक पद पर रहने के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए मुकदमा चलाने से पहले सरकार से अनुमति लेने का प्रावधान है. यह अनुमति केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रपति और राज्य स्तर पर राज्यपाल देते हैं.