सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर फाइल्स से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर फाइल्स के रिलीज पर विरोध में मौजूद रहें काउंसिल से कहा कि उन्हें जजों को कमतर नहीं आंकना चाहिए, कि फिल्म के रिलीज से मामले के फैसले प्रभावित होंगे. इस दौरान केन्द्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल ने भी अदालत को बताया कि फिल्म तमाम संशोधन की गई हैं और आरोपियों के नाम को हटा दिया गया है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने सरकार की ओर से नियुक्त कमेटी के आदेश को लेकर हमने अपनी आपत्ति जमा कराई है. कपिल सिब्बल ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से जो कमेटी का गठन किया गया है, उसमे सेंसर बोर्ड के सदस्य शामिल थे. जबकि कमेटी को सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट के खिलाफ हमारे आवेदन पर ही फैसला देना था. कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि कमेटी के सदस्यों ने बताया कि वो राजनीतिक पार्टी से जुड़े है.
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) सरकार की ओर से नियुक्त कमेटी के आदेश की जानकारी अदालत को दे रहे है. तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में आरोपियों ने ख़ुद फेसबुक में मर्डर के वीडियो को पोस्ट किया. SG मेहता ने आगे कहा कि यह मूवी अपराध पर केंद्रित है, किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है. फिल्म में जो बदलाव हुए है, उसके मद्देनजर अब उसमे किसी के नाम का उल्लेख नहीं है. तुषार मेहता ने फिल्म में जो बदलाव किए है,उनकी जानकारी कोर्ट को दी.
कन्हैया लाल की हत्या के आरोपी जावेद की वकील ने जब अंदेशा जताया कि केस का ट्रायल प्रभावित हो सकता है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप न्यायपालिका को कमतर करके मत आंकिए. जज इस तरह की बातों से प्रभावित नहीं होते है, वो सिर्फ केस में उपलब्ध तथ्यों के आधार पर फैसला दे सकते है. बहुत से जज सुबह अखबार भी नहीं पढ़ते. साथ ही हम इन चीजों से प्रभावित नहीं होते हैं. इस विरोध कर रहे वकील ने कहा कि जब तक इस मामले का ट्रायल अदालत में लंबित है, तब तक के लिए इस पर रोक लगा दीजिए.
इस दौरान फिल्म प्रोड्यूसर की ओर गौरव भाटिया मौजूद रहे. अदालत ने उनसे पूछा कि फिल्म सर्टिफिकेशन की नई रिपोर्ट में सुझाए बदलाव कब कत फिल्म निर्माताओं द्वारा किया जा सकता है. इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने बताए गए सारे बदलाव कर लिए हैं, अब बस दोबारा से फिल्म बोर्ड द्वारा रिपोर्ट दिया जाना बाकी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को कल तक के लिए टाल दिया. सुप्रीम कोर्ट कल फिर से इस मामले की सुनवाई की.