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यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है? इससे सरकारी कर्मचारियों को क्या खास फायदा मिलेगा? इन प्वाइंट्स में समझिए

यूनिफाइड पेंशन स्कीम

NPS के जैसे यूपीएस में भी कर्मचारी को अपनी सैलरी में से हर महीने दस प्रतिशत देना पडे़गा. वहीं ओल्ड पेंशन स्कीम के जैसे यूपीएस में फैमिली पेंशन, मंहगाई भत्ता और मिनिमम पेंशन का प्रस्ताव किया गया है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम अगले वित्तीय वर्ष से लागू होने जा रही हैं और इससे करीब 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है.

Written by Satyam Kumar |Updated : August 25, 2024 8:29 PM IST

देश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के बीच केन्द्र सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आई है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम अगले वित्तीय वर्ष, 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस योजना से केन्द्र सरकार से 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है. कर्मचारी अब पेंशन के तौर पर नई पेंशन स्कीम या यूनिफाइड पेंशन में किसी एक विकल्प को चुन सकेंगे.

आगे बढ़ने से पहले, नई पेंशन स्कीम साल 2004 से लागू है. उससे पहले भारत में जो पेशन व्यवस्था थी उसे ओल्ड पेंशन स्कीम कहा जाता है. ओल्ड पेंशन स्कीम की खास बात थी ये व्यक्ति के साथ उसकी पत्नी की उत्तरदायित्व भी पूरा करती थी. (समझने के लिए, पति के निधन के बाद उसकी पत्नी को पेंशन की आधी या उससे कम राशि सरकार द्वारा दी जाती थी), यूपीएस में भी फैमिली को 60% तक पेंशन देने का प्रस्ताव है. पूरी बात पढ़ने के लिए आगे बढ़े...

यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है?

एकीकृत पेंशन योजना या यूनिफाइड पेंशन स्कीम, रिटायरमेंट के बाद लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास करती है. इसमें कर्मचारियों पर आश्रित पर परिजनों के लिए भी पेंशन विशेष प्रावधान का जिक्र है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सभी केंद्रीय कर्मचारियों को पिछले 12 महीनों के अपने अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रावधान है, जिन्होंने 25 साल या उससे अधिक समय तक सेवा की है. इसके अलावे, सरकारी कर्मचारी को पेंशन राशि  में मंहगाई भत्ता का भी लाभ मिलेगा.

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कैबिनेट सचिव  टीवी सोमनाथन ने कहा कि नई योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी और इसका लाभ 31 मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिलेगा. कर्मचारियों के पास अगले वित्तीय वर्ष से यूपीएस या एनपीएस (UPS Or NPS)  चुनने का विकल्प होगा.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम की खास बातें

यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगी. सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी सेवा के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन के हकदार हैं, बशर्ते कि उन्होंने यूपीएस के तहत कम से कम 25 साल तक सेवा की हो. वहीं 10 से 25 साल की सेवा वाले लोगों के लिए, पेंशन की कैलकुलेशन उनकी सेवा अवधि के आधार पर आनुपातिक रूप (Proportionately) से की जाएगी. पेंशन योजना की सबसे खास बात दस साल तक सेवा देनेवाले कर्मचारियों के लिए भी दस हजार रूपये न्यूनतम पेंशन की गारंटी देती है.

OPS, NPS और UPS में क्या अंतर है?

पहला अंतर कि नई पेंशन स्कीम 2004 से लागू है, 2004 से पहले वाले पेंशन स्कीम को ओल्ड पेंशन स्कीम और यूनिफाइड  पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. दूसरा, नई पेंशन स्कीम, ओल्ड पेंशन से पूरी तरह उलट थी, और यूनिफाइड पेंशन स्कीम दोनों का मिश्रण और अपनी आधुनिकता के साथ है. जैसे:

  • बेसिक पेंशन: ओल्ड पेंशन आखिरी सैलरी का 50%  पेंशन के तौर पर मिलता था. जबकि यूपीएस में पिछले 12 महीने की सैलरी का औसत पेंशन के तौर पर दिया जाएगा.
  • पेंशन में सैलरी से कंट्रीब्यूशन: ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की सैलरी में से कोई पैसा नहीं कटता था, जबकि NPS और UPS में ये कर्मचारी की सैलरी में से भी 10% काटा जाएगा.
  • मंहगाई भत्ता: ओल्ड पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम ये है, जबकि NPS में नहीं थी.
  • पेंशन में सरकार का कंट्रीब्यूशन: सराकरी कर्मचारी को NPS में सरकार की ओर से पेंशन में 14.8%  का कंट्रीब्यूशन होता है जो UPS में सरकार का कंट्रीब्यूशन कुल पेंशन में 18.5% तक की होगी.
  • टैक्स बेनिफिट: चूंकि ओपीएस में कर्मचारी की सैलरी में से कोई राशि नहीं कटती थी, तो टैक्स में कोई छूट नहीं था. वहीं एनपीएस में इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के तहत 14% की छूट दी मिलती है. जाहिर ये राहत यूपीएस में भी मिलेगी.
  • फैमिली पेंशन: यूपीएस के तहत,  कर्मचारी की मृत्यु पर उसकी पेंशन का 60% उसके परिवार को पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. ओपीएस में भी इसका प्रावधान था, लेकिन मिलने वाले पेंशन का प्रतिशत कम था.

पुराने दोनों पेंशन स्कीम की खूबियां शामिल करने की वजह से भी इस नए पेंशन स्कीम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम कहा जा सकता है.