नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार (28 मई, २०२३) को संसद के नए भवन (New Parliament of India) का उद्घाटन हुआ और इसी अवसर पर 75 रुपये का एक विशेष सिक्का भी जारी किया जाएगा. इस 75 रुपये के सिक्के पर नई संसद की तस्वीर होगी और देवनागरी लिपि में 'संसद संकुल' लिखा होगा.
इस सिक्के को किस अधिनियम के तहत जारी किया जा रहा है, इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा या नहीं? जानिए इसके सम्बंधित पूरा विवरण.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 'सिक्का अधिनियम, 2011 (The Coinage Act, 2011) के तहत नए सिक्के जारी किये जाते हैं और यह एक्ट जम्मू-कश्मीर सहित पूरे भारत में लागू होता है.
सिक्के किस कारण से बनते हैं, इनके साथ नागरिक क्या और क्या नहीं कर सकते हैं और इनमें से किन सिक्कों को सर्क्युलेशन में लाया जा सकता है, इस सबके बारे में प्राविधान बनाया गया है. इस अधिनियम में कुल 28 धाराएं हैं जिनका सभी नागरिकों को पालन करना होता है.
किस धारा के तहत जारी किया गया 75 रुपये का सिक्का
नई संसद के उद्घाटन के मौके पर 75 रुपये का सिक्का जारी किया जा रहा है; 'सिक्का अधिनियम (Coinage Act), 2011 की धारा 2(b) के तहत ये एक 'स्मारक सिक्का' (Commemorative Coin) है.
'स्मारक सिक्का' वह खास सिक्का होता है जिसे केन्द्रीय सरकार किसी खास मौके पर एक स्मारक की तरह जारी करती है. इसी धारा के तहत 75 रुपये का सिक्का को प्रधानमंत्री नई संसद के उद्घाटन के मौके पर जारी करेंगे.
इस सिक्के को क्यों नहीं क्या जाएगा इस्तेमाल?
इस 75 रुपये के सिक्के को इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि यह सिर्फ एक 'स्मारक सिक्के' की तरह जारी किया जा रहा है.
सिक्का अधिनियम, 2011 की धारा 6 के तहत यह सिक्का तब एक लीगल टेंडर नहीं बन सकता है जब तक सिक्के का अंकित मूल्य उसको बनने में लगे धातु के मूल्य से कम नहीं होना चाहिए. 75 रुपये का यह सिक्का 50% सिल्वर से बना है और इसलिए, जाहिर-सी बात है कि इसके धातु का मूल्य इसके अंकित मूल्य से ज्यादा होगा. यही वजह है कि ये सिक्का कभी सर्क्युलेशन में नहीं आएगा.