PMLA Section 45: PMLA कानून में कितने कठोर नियम है. जमानत मिलना उससे भी कठिन. PMLA की सेक्शन 45 में आरोपी को जमानत देने के कड़े प्रावधान है. सेक्शन 45 में दोहरी शर्ते हैं जिसमें राहत मिलना बहुत कठिन हो और पूछताछ को लेकर बुलाने के बाद ED ने शायद ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी न की हो.
सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों पहलुओं पर ED को हिदायत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया अगर आरोपी ने अदालत की समन का सम्मान किया है तो उसे ED, स्पेशल कोर्ट की इजाजत के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकती है. साथ ही अगर किसी आरोपी को ईडी ने पूछताछ करने के दौरान गिरफ्तार नहीं किया है, तो आगे जमानत के लिए उसे PMLA के सेक्शन 45 के तहत दोहरी शर्तों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करने के समय कई बातों का ध्यान रखने के आदेश दिए हैं.
बेंच ने कहा,
"जिस आरोपी को ED ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया, उस पर जमानत पाने के लिए PMLA में दी कड़ी शर्त लागू नहीं होगी."
बेंच ने ये भी कहा,
"जब कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान के बाद आरोपी को समन भेजे और वो पेश हो जाए, तो बेल के लिए धारा 45 में दी दोहरी शर्त लागू नहीं होगी."
सुप्रीम कोर्ट PMLA में जमानत मिलने को लेकर ट्विन-टेस्ट पर चर्चा कर रही थी. मामले में अदालत ने 30 अप्रैल के दिन ही अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ये विचार कर रही थी कि अगर व्यक्ति ने अदालत के समन का पालन किया है तो उस पर कैसे पीएमएलए के सेक्शन 45 के तहत लागू होनेवाली शर्ते कैसे साबित करनी पड़ेगी.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत किसी भी आरोपी को जमानत के लिए ट्विन-शर्तों का पालन करना बेहद जरूरी होता है:
अब सुप्रीम कोर्ट के नये फैसले ने PMLA की दोहरी शर्तों में आरोपी को थोड़ी सी राहत मिलने की उम्मीद है.