Lok Sabha Election 2024: आज यानि 4 जून को वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. लोगों की नजरें स्क्रीन पर टिकी है. हर अपडेट के साथ ही लोगों की धड़कने बढ़ती-घटती रहती है. ऐसे में ये उत्सुकता होना लाजिमी है कि वोटों की गिनती कैसे होती है. काउंटिंग हॉल में जाने की अनुमति किसे होती है?
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव का समापन एक जून को ही हो चुका है, रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. सुबह सभी उम्मीदवारों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है. इस समय रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर मौजूद रहते हैं. ये सारी गतिविधियों की वीडियोग्राफी भी होती है.
एक लोकसभा क्षेत्र की सभी वोटों की गिनती एक सिंगल हॉल में की जाती है. ये गिनती काउंटिंग सुपरवाइजर की निगरानी में होता है. इस दौरान स्ट्रांग रूम में कैंडिडेंट, अपने एजेंट के साथ मौजूद होता है.
काउंटिंग हॉल में कुल 15 टेबल लगी होती है. कुल 15 में से एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए होता है, बाकी 14 पर टेबल रिटर्निंग ऑफिसर होते हैं. साथ इन 14 टेबल पर एक काउंटिग सुपरवाइजर, एक असिस्टेंट और एक माइक्रो ऑब्जर्वर मौजूद रहता है.
वोटों की गिनती की शुरूआत इलेक्ट्रानिक पोस्टल बैलेट
से होती है. उसके बाद पोस्टल बैलेट की गणना शुरू की जाती है. EVM काउंटिग, पोस्टल बैलेट की गिनती के शुरू होने के 30 मिनट बाद से की जाती है. वहीं, एक चरण की गिनती पूरा होने के बाद ही दूसरे चरण की कंट्रोलिंग यूनिट गिनती के लिए सामने लाई जाती है.
प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के रैंडमली चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का मिलान संबंधित ईवीएम में दिखाए गए परिणाम से किया जाता है. और अगर EVM और VVPAT की वोटों की संख्या में अंतर आती है, तो प्रिटेंड पेपर स्लीप को फाइनल रिजल्ट काउंट माना जाता है. ये सारी कार्यवाही वीडियो रिकार्डिंग की निगरानी में की जाती है.