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EVM VVPAT Row:'हमें हकीकत मालूम है', सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग पर दी प्रतिक्रिया

ADR की ओर से पेश हुए सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने यह मांग की, या तो सभी सीटों पर EVM से हुए मतदान को VVPAT से मिलान कराई जाए या बैलेट पेपर से चुनाव को कराने के निर्देश दिए जाए.

Written by My Lord Team |Published : April 17, 2024 1:07 PM IST

EVM VVPAT Row:  निष्पक्ष चुनाव मजबूत लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है. चुनावों के जरिए ही लोक शासन स्थापित होता है. अर्थात लोग स्वयं ही अपने प्रतिनिधि का चयन करते हैं. लोकतंत्र में प्रतिनिधि का चयन मतदान से होता है. चुनाव के तरीके को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस छिड़ी हुई है. ढ़ेर सारी याचिकाए हैं. इन सभी याचिकाओं पर एक  करके सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी है. फिलहाल, असल विषय तो EVM से मतदान और VVPAT की पर्ची से मिलान (वोटों की क्रास-चेकिंग) की मांग की है. क्या ये अभी नहीं होता है? बिल्कुल, होता है. लेकिन एक संसदीय क्षेत्र के केवल पांच सीटों पर. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) की याचिका में लोकसभा की सभी सीटों (543 सीटें) पर EVM से मतदान और VVPAT की पर्ची से मिलान कराने की मांग है.

सुप्रीम में इसी चर्चा के दौरान एक रोचक वाक्या सामने आया जिसमें इन चुनावों को पुराने तरीके से कराने की मांग उठी. पुराने तरीके यानि बैलेट पेपर से. ADR की ओर से पेश हुए सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने यह मांग की. प्रशांत भूषण ने मांग की, या तो सभी सीटों पर EVM से हुए मतदान की VVPAT से मिलान कराई जाए या बैलेट पेपर से चुनाव को कराने के निर्देश दिए जाए. आगे बढ़े उससे पहले आपको बता दें शीर्ष न्यायालय में जस्टिस संजीव खन्ना और दीपंकर दत्ता की डिवीजन बेंच इस मामले को सुन रही है.

बैलेट पेपर से हो चुनाव: प्रशांत भूषण

सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने ADR का पक्ष रखा. प्रशांत भूषण ने चुनाव की विश्वसनीयता पर जोड़ देते हुए कहा कि हम EVM, VVPAT की जगह बैलेट पेपर से चुनाव भी करा सकते हैं.

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सीनियर वकील ने कहा,

"हम बैलेट पेपर की ओर वापस जा सकते हैं."

बेंच ने प्रतिक्रिया दी,

"हम सभी जानते हैं कि जब बैलेट पेपर थे तो क्या हुआ था. आप भूले होंगे लेकिन हम नहीं भूले हैं. हम इस पर अभी बहस नहीं चाहते."

प्रशांत भूषण ने VVPAT की डिजाइन बदलने के विषय को भी अदालत के सामने उठाया.

प्रशांत भूषण ने कहा,

"वीवीपैट का डिज़ाइन बदला गया है. इसमें पहले एक ट्रांसपेरैंट ग्लास होता था लेकिन इसे गहरे ओपेक ग्लास में बदल दिया गया. जो केवल 7 सेकंड के लिए लाइट्स के चमकने पर ही दिखाई देता है."

प्रशांत भूषण ने यूरोपीय देशों का उदाहरण भी दिया. प्रशांत भूषण ने कहा, कई यूरोपीय देश EVM को छोड़कर दोबारा से बैलेट पेपर पद्धति को अपनाए है. उन्होंने जर्मनी का नाम लिया.

बेंच ने पूछा,

"जर्मनी की जनसंख्या क्या है?"

प्रशांत भूषण ने जबाव दिया,

"5-6 से करोड़"

बेंच ने आगे कहा,

"हमारे यहां कुल वोटरों की संख्या ही 97 करोड़ है."

प्रशांत भूषण ने EVM के चिप को प्रोग्रामेबल बताते हुए उससे छेड़छाड़ करने की बात कहीं. वरिष्ठ वकील ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की.

जस्टिस खन्ना ने बीच में टोका,

"विवाद को उस ओर नही ले जाए."

EVM व VVPAT से मिलान एवं पोलिंग सेन्टर पर सीसीटीवी लगाने की चर्चा हुई. साथ ही अदालत ने मामले को 18 अप्रैल तक स्थगित किया है.