नई दिल्ली: स्टार्टअप इंडिया (Startup India) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश में नवाचार (Innovation) और स्टार्टअप के विकास के लिए एक मजबूत और सहयोगजनक परिस्तिथियां बनाना है. इससे भारत में स्थायी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ-ही-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
आयकर अधिनियम की धारा 80 IAC के तहत दिए जाने वाली टैक्स छूट स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत स्टार्टअप्स को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न लाभों में से एक है.
· इकाई डीपीआईआईटी (DPIIT) से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप होनी चाहिए.
· केवल प्राइवेट लिमिटेड या सीमित देयता भागीदारी (Limited Liability Partnership) को ही धारा 80IAC के तहत टैक्स छूट मिल सकती है.
· स्टार्टअप का निगमिन (Incorporation) 1 अप्रैल 2016 या उसके बाद का ही होना चाहिए.
· स्टार्ट-अप, प्रोडक्ट्स या प्रक्रियाओं या सेवाओं के नवाचार, विकास या सुधार या रोजगार बढ़ाने या धन सृजन की उच्च क्षमता वाले एक स्केलेबल व्यवसाय मॉडल (Scalable Business Model) के तहत काम करता हुआ होना चाहिए.
मान्यता प्राप्त करने के बाद, स्टार्टअप धारा 80 IAC के अंतर्गत टैक्स छूट का लाभ उठा सकता है. इस धारा के अनुसार स्टार्टअप निगमन (Incorporation) के बाद से अपने पहले दस वर्षों में से लगातार 3 वित्तीय वर्षों के लिए टैक्स अवकाश (Tax Holiday) का लाभ उठा सकता है.
आयकर अधिनियम की धारा 80IAC की मदद से वर्तमान के प्रतिस्पर्धी बाजार (Competitive Market) में जीवित रहने में स्टार्टअप्स की सहायता होगी. इसके अलावा, यह टैक्स छूट अन्य व्यक्तियों को भी अपना व्यवसाय खोलने के लिए प्रोत्साहित करेगी और युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अफसर पैदा करने में सहायता करेगा.
1. 'स्टार्टअप' के रूप में मान्यता की प्रक्रिया उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा स्थापित एक ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से होगी. एप्लीकेशन फॉर्म (Application Form): https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/startup-scheme.html
2. आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज़ भी जमा करने होंगे.
· पंजीकरण प्रमाण पत्र की एक प्रति; और
· आपके व्यवसाय का प्रकार क्या है, इसके बारे में एक लेख के रूप में जानकारी देनी होगी। जिसके तहत आपको ये बताना होगा कि आपके उत्पादों या प्रक्रियाओं या सेवाओं के नवाचार, विकास या सुधार की दिशा में कैसे काम कर रहा है, या रोजगार बढ़ाने या धन कमाने के संदर्भ में इसका क्या योगदान है.
3. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) कुछ अन्य दस्तावेज़ों की मांग का सकता है। इसके बाद, दस्तावेज़ों की जांच करने के बाद निर्णय लेगा कि स्टार्टअप को मान्यता दी जानी चाहिए या नहीं.