
सामुदायिक मध्यस्थता से सुलझाए संभल विवाद
संभल जामा मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार (UP Government) को दोनों पक्षों के बीच सामुदायिक मध्यस्थता (Community Mediation) करने के निर्देश दिए है.

शांति और सद्भाव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए.

संभल जामा मस्जिद का ASI सर्वे
सर्वोच्च न्यायालय का ये फैसला संभल जामा मस्जिद कमेटी की याचिका के खिलाफ आया, जिसमें ASI सर्वे के उजागर होने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.


Mediation Act 2023 Section 43
मध्यस्थता कानून, 2023 की धारा 43, दोनों पक्षों के बीच शांति और सद्भाव को बरकरार रखने के लिए सामुदायिक मध्यस्थता के सहारे विवाद को सुलझाया जा सकता है.

दोनों पक्षों में सामुदायिक मध्यस्थता
सामुदायिक मध्यस्थता को उन विवादों को सुलझाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो किसी इलाके में निवासियों के बीच शांति, सद्भाव और शांति को बाधित कर सकते हैं.

कौन-होंगे इसके सदस्य?
मध्यस्थता कानून की धारा 43 (5) में पैनल में शामिल होने वाले सदस्यों के बारे में बताया गया है,

जिनका समाज में नाम हो
समाज में सम्मानित व्यक्ति, जिनके समाजिक कार्यों को लेकर समाज के लोगों में सम्मान है.

मेडिएशन मामलों के जानकार
पैनल उन व्यक्तियों को शामिल किया जा सकता है, जो मध्यस्थता मामलों के सिद्धहस्त हों.

महिलाओं को भी करें शामिल
साथ ही मेडिएशन एक्ट, 2023 के अनुसार इस पैनल में महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए.