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HC: 'पत्नी के Cruelty का मामला दर्ज कराने से पति को सरकारी नौकरी से वंचित करना संविधान का उल्लंघन'

याचिकाकर्ता (पति) ने लोअर डिविजनल क्लर्क के लिए अप्लाई किया था. सेलेक्ट होने पर वेरिफिकेशन के दौरान उसके खिलाफ आईपीसी सेक्शन 498ए क्रूरता का मामला पाया गया. राज्य सरकार ने दर्ज मुकदमे के आधार पर उसकी नियक्ती कैंसिल कर दी, जिसे व्यक्ति ने राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

Written by Satyam Kumar Published : January 20, 2025 8:13 PM IST

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राजस्थान हाई कोर्ट

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आर्टिकल 14 और 21 का उल्लंघन

अदालत ने कहा कि महज अपराधिक आरोपों के आधार पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति पर रोक लगाना, संविधान के आर्टिकल 14 और 21 के तहत मिले अधिकार का उल्लंघन है.

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दोषसिद्धि अभी बाकी

अदालत ने कहा कि पति के खिलाफ पत्नी द्वारा दर्ज कराया गया क्रूरता का मुकदमा अभी विचाराधीन है, मामले में दोष सिद्ध होना बाकी है.

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विवाह टूटने का आरोपी

अदालत ने कहा कि पति के खिलाफ पत्नी द्वारा दर्ज कराया गया क्रूरता का मुकदमा अभी विचाराधीन है, मामले में दोष सिद्ध होना बाकी है.

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पत्नी ने दर्ज कराया मुकदमा

इस मामले में याचिकाकर्ता (पति) ने लोअर डिविजनल क्लर्क के लिए अप्लाई किया था. सेलेक्ट होने पर वेरिफिकेशन के दौरान उसके खिलाफ आईपीसी सेक्शन 498ए क्रूरता का मामला पाया गया.

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नियुक्ति रद्द करने को चुनौती

राज्य सरकार ने मुकदमे के आधार पर उसकी नियक्ती कैंसिल कर दी, जिसे व्यक्ति ने राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

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राजस्थान हाई कोर्ट से राहत