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नया साल मनाने के लिए पैसे ना मिलने पर चाकू से गोदा था, अब मां के कहने पर ही Kerala HC ने लड़के को जमानत दी

केरल हाई कोर्ट के जमानत देने का कारण यह था कि मां ने कोर्ट में कहा कि वह अपने बेटे को जेल में नहीं देख सकती, और जज ने मां के दर्द और स्थिति को ध्यान में रखते हुए जमानत देने के लिए मजबूर महसूस किया.

Written by Satyam Kumar Published : March 8, 2025 3:47 PM IST

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बेटे ने मां पर किया हमला

आरोपी बेटे ने अपनी मां पर उस समय हमला किया जब मां ने उसे नए साल की पूर्व संध्या पर पार्टी करने के लिए पैसे देने से इनकार कर दिया.

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बेटे को पुलिस ने पकड़ा

घटना के बाद, आरोपी को 1 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 118 (घातक चोट पहुंचाना) और 109 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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बेटे को छुड़ाने गई मां

अब मां ने केरल हाई कोर्ट से जमानत की मांग करते हुए कहा कि वह अपने बेटे को जेल में नहीं देख सकती.

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Kerla HC

kerla HC

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मां ने मांगी जमानत

मां ने कोर्ट में एक हलफनामा पेश कर कहा कि उसे अपने बेटे की जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है.

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चिंता का विषय

केरल हाई कोर्ट ने कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर पैसे न देने के कारण बेटे ने अपनी मां पर हमला किया, जो समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है.

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मानसिक स्थिति चिंतनीय

कोर्ट ने देश के युवाओं की 'मानसिक स्थिति' को 'आश्चर्यजनक और परेशान करने वाला' बताया.

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मां का प्यार गुलाब की तरह

केरल हाई कोर्ट ने कहा कि मां का प्यार अपने बेटे के प्रति हमेशा बना रहता है, चाहे स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो. इस मामले में जज ने कहा, एक मां का प्यार एक गुलाब की तरह होता है - यह हमेशा खिलता रहेगा.

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मां रखे ख्याल

साथ ही अदालत ने सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कहा कि यदि आरोपी फिर से कोई अपराध करता है, तो उसकी मां इसे संबंधित पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट कर सकती है, और पुलिस अधिकारी उचित अदालत में जमानत रद्द करने के लिए आवेदन करेंगे.

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हाई कोर्ट ने जमानत दी

आरोपी को जमानत पर रिहा करने के लिए अदालत ने 50,000 रुपये का बांड और दो सक्षम जमानतकर्ताओं को पेश करने को कहा है.

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हाजिर पड़ेगी लगानी

इसके अलावा, युवक को हर सोमवार सुबह 10 बजे जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा, जब तक कि मामले की अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती.

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डराना-धमकाना नहीं

कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी को गवाहों को प्रभावित या डराना नहीं और बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ना नहीं होगा.

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बच्चे की संगत अच्छी हो

कोर्ट ने यह भी कहा कि समाज और माता-पिता को युवा पीढ़ी पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके रिश्ते अच्छे लोगों के साथ हों.