
अजान लाउडस्पीकर उतारने का मामला
महाराष्ट्र में मस्जिदों से अजान का लाउडस्पीकर उतारने का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में पहुंच गया है. पांच मस्जिदों की कमेटी ने पुलिस की लाउडस्पीकर हटाने को लेकर जारी नोटिस को चुनौती दी है. आइये जानते हैं कि याचिकाकर्ताओं ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या दावा किया है? और हाई कोर्ट ने क्या कहा...

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
अजान के लिए लगे लाउडस्पीकर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सहमति जताई है. जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस एम एम सथाये की पीठ ने इस याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई नौ जुलाई को होगी.

सभी धार्मिक स्थलों के लिए ऐसा आदेश
सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि कि सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जबकि पांच दरगाहों द्वारा दायर याचिका में इसके विपरीत दावा किया गया है.

मस्जिदों को बनाया जा रहा निशाना!
पुलिस ने कहा कि उन्होंने अदालत के आदेश के अनुसार ही धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई की है. जबकि मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में दावा किया कि पुलिस द्वारा मस्जिदों और दरगाहों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया जा रहा है.

अजान का लाउडस्पीकर कितना जरूरी!
मस्जिदों द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि 'अजान' इस्लाम का एक महत्वपूर्ण पार्ट है और मुंबई जैसे शहर में लोगों को नमाज के लिए बुलाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बेहद जरूरी है.

ध्वनि प्रदूषण के आधार पर नोटिस
मस्जिद कमेटी ने पुलिस द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियमों के उल्लंघन के लिए उन्हें जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी गई है. उन्होंने अदालत के सामने दावा किया कि पूरी कार्रवाई मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और यह शत्रुतापूर्ण भेदभाव है. यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

9 जुलाई को अगली सुनवाई
कमेटी ने यह भी दावा किया कि याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलिस निहित राजनीतिक हितों के इशारे पर काम कर रही है. हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई तक अपना जवाब रखने को कहा है.