
800 दिन की जेल-ढ़ाई लाख जुर्माना
उत्तर प्रदेश की एक जिला अदालत ने एक शख्स को 800 जेल की सजा और ढ़ाई लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. मामले में शख्स की बेटी ने आत्महत्या की थी.

दहेज के चलते बेटी की हत्या का मुकदमा
शख्स ने अपनी बेटी के दहेज के चलते हत्या का आरोप अपने दमाद और उसके माता पिता पर लगाया था. उन्हें फंसाने के लिए सबतों से छेड़छाड़ भी की.

घरेलु हिंसा और दहेज का मामला
आरोपी बाबू राम ने अपने दामाद सोनू और उसके माता-पिता पर झूठे आरोप लगाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए और 304-बी के तहत घरेलू हिंसा और उनकी बेटी शालू की दहेज के चलते हत्या का मुकदमा दर्ज कराया.

झूठे निकले आरोप
सुनवाई पूरा होने के बाद अदालत ने यह आरोप पूरी तरह से गलत पाया, जिससे तीनों आरोपियों को बेवजह ही जेल में रहना पड़ा.

अदालत ने सुनाया सजा
झूठे मुकदमे के चलते शख्स के दमाद और उसके माता-पिता को 800 दिन जेल में रहना पड़ा. अदालत ने शख्स को भी उतने दिन जेल की सजा सुनाई.

झूठे आरोपों से नुकसान
बरेली जिला अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि न्याय का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं है, बल्कि गलत तरीके से आरोपी बनाए गए व्यक्तियों को आर्थिक रूप हुई हानि को भी बहाल करना है.

जुर्माना भरने के आदेश
अदालत ने शख्स पर ढ़ाई लाख रूपये का जु्र्माना इसलिए लगाया क्योंकि यह राशि उन तीनों व्यक्तियों की कुल आय के नुकसान के बराबर है, जो उन्होंने जेल में रहने के चलते खो दी थी.