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क्या पत्नी की इच्छा के बिना अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है?

2013 में, आईपीसी की धारा 375 में संशोधन किया गया, जिसमें कहा गया कि पति और पत्नी के बीच यौन क्रिया को बलात्कार नहीं माना जाता है. इसी को आधार बनाते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि धारा 377 के तहत परिभाषित अप्राकृतिक यौन संबंध, 15 वर्ष से अधिक उम्र के पति-पत्नी के बीच अपराध नहीं हैं.

Written by Satyam Kumar Published : February 12, 2025 12:24 PM IST

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पति-पत्नी के बीच Unnatural Sex

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोपों से बरी करते हुए कहा कि वयस्क पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध (Unnatural Sex) अपराध नहीं है.

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट

अदालत ने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि पत्नी की सहमति का अभाव, अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध नहीं बनाता.

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महिला के बयान के आधार पर मुकदमा

शख्स की पत्नी ने मृत्यु से पूर्व बयान दिया कि पति ने उसके साथ जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए, जिससे उसकी बीमारी बढ़ गई. पत्नी के बयान के आधार पर आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया.

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पति को राहत

ट्रायल कोर्ट ने व्यक्ति को इन कृत्यों के लिए दोषी ठहराया. हलांकि व्यक्ति को बरी करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने धारा 377 को आधार बनाते हुए कहा कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है, तो पति द्वारा बिना सहमति के बनाए गए अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता है.

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पति-पत्नी का रिश्ता

आईपीसी की धारा 377 पति-पत्नी के बीच किसी भी सेक्सुअल एक्ट को अपराध नहीं मानता है.

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अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध

कोर्ट ने 2013 में IPC की धारा 375 में बदलाव का हवाला देते हुए कहा कि पति का पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने को रेप नहीं माना जा सकता है.

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गैर-इरादतन हत्या का आरोप

कोर्ट ने IPC की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत व्यक्ति की दोषसिद्धि को 'विकृत' बताते हुए इसे रद्द किया और सभी आरोपों से बरी कर दिया.