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2 नए जजों के शपथ के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या पूर्ण, CJI ने दिलाई शपथ

दो नए जजों की नियुक्ति और उनकी शपथ के साथ ही अब देश की सर्वोच्च अदालत में कार्यरत जजों की संख्या 34 हो गई है. शुक्रवार को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार का शपथग्रहण आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट की एडिशनल बिल्डिंग के सी ब्लॉक स्थित आडीटोरियम में आयोजित किया गया.

Written by Nizam Kantaliya |Published : February 13, 2023 5:14 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त जज जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार ने आज पद एवं गोपनियता की शपथ ली. सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने एक सादे समारोह में दोनो जजों को शपथ दिलाई.

दो नए जजों की नियुक्ति और उनकी शपथ के साथ ही अब देश की सर्वोच्च अदालत में कार्यरत जजों की संख्या 34 हो गई है. शुक्रवार को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार का शपथग्रहण आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट की एडिशनल बिल्डिंग के सी ब्लॉक स्थित आडीटोरियम में आयोजित किया गया.

सीजेआई ने दिलाई शपथ

समारोह में सुप्रीम कोर्ट के सभी जज, नवनियुक्त जजों के परिजन, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, एडवोकेट आन रिकॉर्ड एसोसिएशन के पदाधिकारी, अधिवक्ता और रजिस्ट्री के अधिकारी मौजूद रहे.

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गौरतलब है कि कॉलेजियम ने 31 जनवरी 2023 को इन दोनो जजों के नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी थी. केन्द्र की मंजूरी के बाद शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन से नियुक्ति वारंट जारी किए गए.

सुप्रीम कोर्ट इन दो नए जजों के शपथग्रहण के साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत में अब जजों का कोई पद रिक्त नही होगा. सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पूर्व जस्टिस बिंदल इलाहाबाद हाईकोर्ट और जस्टिस अरविंद कुमार गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहें है

जजों के सभी पद भरे

गौरतलब है कि देश की सर्वोच्च अदालत में वर्ष 2009 से पहले तक जजों के कुल स्वीकृत पद 26 थे वर्ष 2009 में बढाकर यह संख्या 31 की गई थी.करीब 10 साल बाद जुलाई 2019 में एक बार फिर से केन्द्रीय कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 31 बढाकर 34 करने की मंजूरी दी गई.

2019 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 होने के बाद ये तीसरी बार है, जब सुप्रीम कोर्ट के स्वीकृत पदों पर जजों के सभी पद भरे है. पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एनवी रमना के कार्यकाल में कुछ समय के लिए ही सुप्रीम कोर्ट के सभी 34 जज एक साथ कार्यरत थे.