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NTA को नीट यूजी री-एग्जाम कराने के आदेश क्यों नहीं दिए? सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट कॉपी से आज होगा खुलासा

सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को सुनाए फैसले में एनटीए को दोबारा से परीक्षा कराने के निर्देश क्यों नहीं दिए हैं. इस बात का खुलासा आज जारी हो रहे जजमेंट कॉपी में करेगी. 

Written by Satyam Kumar |Updated : August 2, 2024 1:26 PM IST

Supreme Court Judgement Copy On NEET UG Re-exam: पेपर लीक होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को दोबारा से री-एग्जाम कराने के आदेश नहीं दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को सुनाए इस आदेश की विस्तृत जजमेंट कॉपी आज जारी करेगी जिसमें इस बात पर विस्तार से चर्चा होने के आसार हैं. आप अवगत ही होंगे कि 23 जुलाई के दिन सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी पेपर लीक से जुड़ी 30 से अधिक याचिकाओं पर अपनी सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा को दोबारा से कंडक्ट कराने के निर्देश दिए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे पेपर लीक की व्यापकता के आधार पर नीट यूजी की परीक्षा के री-एग्जाम कराने को लेकर अपना फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने बहस के दौरान, रिकार्ड पर रखे गए सबूत पर विचार करते हुए पाया कि पेपर लीक का प्रभाव व्यापक तौर पर नहीं हुआ था.

23 जुलाई की सुनवाई में हुई मुख्य बातचीत 

नीट यूजी पेपर रद्द करने से जुड़ी याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई की. इस पीठ में सीजेआई के साथ जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल रहें. सीजेआई ने सभी पक्षों के दलील सुनने के बाद जस्टिस ने माना ​​कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर इस न्यायालय के निर्णयों द्वारा प्रस्तावित निर्धारित परीक्षा के आवेदन पर RE-नीट का आदेश देना या संपूर्ण नीट 2024 परीक्षा को रद्द करना उचित नहीं है.

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अदालत इस तथ्य से अवगत है कि नए सिरे से NEET UG का निर्देश देने से परीक्षा में शामिल होने वाले 2 मिलियन छात्रों पर गंभीर परिणाम होंगे, जिनमें

  1.  मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन का शेड्यूल बिगड़ेगा;
  2.  चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर प्रभाव;
  3.  भविष्य में चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर प्रभाव और
  4. हाशिए पर रहने वाले छात्रों के लिए गंभीर नुकसान शामिल हैं.

सीजेआई ने उपरोक्त कारणों एवं उसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए कहा कि संपूर्ण NEET UG 2024 परीक्षा को रद्द करने का आदेश देना, न तो रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर और ना ही इस न्यायालय के निर्णयों द्वारा प्रतिपादित स्थापित सिद्धांतों,  के लिए सही नहीं होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के जारी रिजल्ट को दोषपूर्ण मानने से भी इंकार किया. सीजेआई ने कहा कि इस स्तर पर, किसी भी विवाद को टालने के लिए, अदालत ने एनटीए द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से जांच की है. वर्तमान स्तर पर, रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दोषपूर्ण है या परीक्षा की पवित्रता का व्यवस्थित उल्लंघन हुआ है. 

सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश मौखिक तौर पर जारी किए थे. आज 2 अगस्त के दिन नीट पेपर से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आएगा.